धमतरी जिले में संतोषप्रद वर्षा नहीं होने से पिछड़ने लगी खेती-किसानी

 


धमतरी, 12 जुलाई (हि.स.)।धमतरी जिले में आशानुरूप वर्षा नहीं होने का खामियाजा किसानाें को भुगतना पड़ रहा है। अंचल में संतोषप्रद वर्षा नहीं होने के कारण खेती-किसानी अब पिछड़ने लगी है। 10 से 15 प्रतिशत खेतों में ही रोपाई हो पाया है, जबकि बोता सिर्फ 39 हजार हेक्टेयर क्षेत्रों में लगा है। बारिश नहीं होने के कारण किसान पानी के अभाव में खेती-किसानी नहीं कर पा रहे हैं। किसानों को अब खरीफ सीजन में रोपाई व बोता फसल में तेजी लाने के लिए झमाझम बारिश होने का इंतजार है, ताकि खेतों की प्यास बुझ सके।

अंचल में इस साल एक जून से अब तक सिर्फ 184 मिमी औसत वर्षा हुई है, जो पिछले वर्ष से 100 मिमी औसत वर्षा कम है। आषाढ़ माह के अधिकांश दिन सूखे में निकलने लगा है। गर्मी के दिनों की तरह मौसम बनने से किसानों की चिंता बढ़ गई है। लोग उमस से हलाकान है। आषाढ़ माह में कूलर व एसी के बिना नहीं रह पा रहे हैं। ऐसे मौसम के चलते जिले में खरीफ खेती-किसानी दिनोंदिन पिछड़ने लगा है।

उपसंचालक कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में अभी तक सिर्फ 39 हजार हेक्टेयर पर ही बोता फसल लगा है, जबकि जिले में हर साल 80 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बोता फसल लगता है। वर्तमान में बारिश नहीं होने से इस साल बोता खेती-किसानी सिर्फ आधा हुआ है। वहीं रोपाई 15 प्रतिशत हुआ है। सिंचाई पानी के अभाव में खरीफ खेती-किसानी आगे नहीं बढ़ पा रहा है। पानी के बिना किसान रोपाई कर पा रहे हैं न ही बोता फसल लेने धान छिड़काव कर पा रहे हैं। आषाढ़ जैसे महीना में संतोषप्रद बारिश नहीं होने से अब किसानों को सूखा की चिंता सताने लगा है। समय रहते झमाझम बारिश होती है, तो खरीफ खेती-किसानी में तेजी आएगी, नहीं तो अधिक पिछड़ जाएगा।उपसंचालक कृषि मोनेश कुमार साहू ने कहा कि बोआई के पहले बीजोपचार करें ताकि धान की बालियां निकलने के समय उकसा न हो। ज्यादा बीमारी न हो। अंचल में खंड वर्षा की स्थिति बनी हुई है। कहीं बारिश हो रही है, तो कहीं नहीं। कम बारिश होने के चलते खरीफ धान फसल की बोआई व रोपाई इस साल पिछड़ने लगा है। फिलहाल धान फसल की स्थिति सामान्य है, लेकिन समय रहते बारिश नहीं हुई, तो चिंताजनक बन सकती है।

हिन्दुस्थान समाचार

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा / केशव केदारनाथ शर्मा