सारे उपदेशों से बेहतर है थोड़ा अभ्यास: एसएसपी
भागलपुर, 06 फरवरी (हि.स.)। भारती शिक्षा समिति एवं शिशु शिक्षा प्रबंध समिति के तत्वावधान में पूरनमल शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय नरगाकोठी में चल रहे प्रधानाचार्य सम्मेलन के दूसरे दिन मंगलवार का प्रारंभ भागलपुर के वरीय आरक्षी अधीक्षक आनंद कुमार, अखिल भारतीय मंत्री डॉ किशन वीर सिंह, इंडियन बैंक के जोनल मैनेजर साकेत कुमार श्रीवास्तव, क्षेत्रीय संगठन मंत्री ख्यालीराम, क्षेत्रीय सचिव नकुल कुमार शर्मा और प्रदेश सचिव प्रदीप कुमार कुशवाहा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।
मौके पर वरीय आरक्षी अधीक्षक आनंद कुमार ने कहा कि बोर्ड परीक्षा का तनाव न लें। उन्होंने 12वीं फेल फिल्म की चर्चा करते हुए कहा कि छात्रों को प्रेरणा के लिए ऐसी मूवी दिखानी चाहिए। सभी अध्यापकों को बताना चाहिए कि कोई परीक्षा अंतिम नहीं है। स्ट्रेस के कारण हमारे सोचने की क्षमता, कार्य करने की क्षमता का ह्रास होता है। हमारी कैपेसिटी घटती है। इस संबंध में माता-पिता को समझने की अधिक आवश्यकता है। कोई जरूरी नहीं कि अधिक अंक लाने वाले बच्चे अच्छे इंसान ही बनेंगे। अच्छे व्यवहार को जीवन में उतारने की आवश्यकता है।
अखिल भारतीय मंत्री किशनवीर सिंह शाक्य ने कहा कि प्रधानाचार्य जॉब नहीं कर्म कर रहे हैं। प्रधानाचार्य बहुआयामी प्रतिभा का धनी होता है। प्रधानाचार्य मूलतः आचार्य ही होता है। एक प्रधानाचार्य का मिशन और विजन स्पष्ट होना चाहिए। यह लिखित रहना चाहिए और इसी लक्ष्य के अनुरूप कार्य करना चाहिए। साकेत कुमार ने कहा कि सभी बच्चों में कुछ न कुछ प्रतिभा होती है। बच्चों को उनके अंदर छिपी प्रतिभा को डिस्कस करने को जागरूक किया जाना चाहिए।
हिन्दुस्थान समाचार/बिजय/चंदा