विवेकानंद विषय पर संगोष्ठी आयोजित
भागलपुर, 12 जनवरी (हि.स.)। पीस सेंटर परिधि की ओर से बड़ी जमीन में शुक्रवार को स्वामी विवेकानंद की जयंती राष्ट्रीय युवा दिवस पर धर्म संस्कृति राजनीति और विवेकानंद विषय पर संगोष्ठी आयोजित हुई। पीस सेंटर परिधि के समन्वयक राहुल ने कार्यक्रम का संचालन किया तथा स्थानीय शिक्षक जीवन कुमार ने सभी का स्वागत किया।
परिधि के निदेशक उदय ने धर्म, संकृति, राजनीति और विवेकानंद विषय पर अपनी बात रखते हुए कहा कि शिकागो धर्म संसद में विवेकानंद ने जो अपनी बातें रखी उससे हिंदू धर्म, और भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी। धर्म संसद में शुरुआत में ही जब उन्होंने सभी को भाईयों और बहनों कहकर संबोधित किया तो लगातार तालियों की गड़गड़ाहट से हॉल गूंजता रहा। भाईयों और बहनों का अर्थ हुआ हम सब एक ही माता पिता की संतान हैं। मतलब सभी का ईश्वर एक है। स्वामी जी ने यह भी कहा कि विश्व के सभी धर्म सत्य हैं। सांप्रदायिकता कट्टरता के राक्षस नहीं होते तो मानव समाज ज्यादा उन्नत होता।
उन्होंने कहा कि सच्चा धर्म वह है जो विज्ञान की कसौटी पर खरा साबित हो। वे स्वतंत्रता को नैसर्गिक अधिकार मानते थे और चाहते थे कि यह अधिकार सभी नागरिक को मिले। संचालन करते हुए राहुल ने कहा कि विवेकानंद का राष्ट्रवाद भौगोलिक सीमा और दूसरे राष्ट्र से प्रतियोगिता पर आधारित नहीं था। वे करुणा, सेवा और त्याग को राष्ट्रीय आदर्श मानते थे। उनके राष्ट्रवाद का आधार मानवता और सर्वभौमिकता थी। स्वामी विवेकानंद दीन हीन की सेवा को ही सबसे बड़ा धर्म मानते थे। वे विविधता के सबसे बड़े पैरोकार थे। आज जब एक देश,एक संस्कृति, एक संविधान की बात पर जोर दिया जा रहा है तो विवेकानंद याद आ रहे हैं।
युवा दिवस के अवसर पर हमें देश की विविधता और एकता की रक्षा का संकल्प लेना है। कार्यक्रम में अरुण कुमार, पूजा कुमारी, कौशल्या देवी, जय नारायण, नागेश्वर ऋषिदेव, अरविंद कुमार, संगीता कुमारी, राम चरित्र यादव, जितेंद्र कुमार, मनोज कुमार आदि ने भी अपनी बातें रखी। धन्यवाद ज्ञापन जय नारायण ने किया।
हिन्दुस्थान समाचार/बिजय/चंदा