रूपौली के भिखना गांव का विद्यालय, जहां चमचमाता मिलेगा शौचालय

 




पूर्णिया, 22 नवंबर (हि. स.)। प्रखंड में एकमात्र ऐसा विद्यालय जहां घर की तरह चमचमाता शौचालय देखने को मिला। अन्यथा अन्य विद्यालयों में शौचालय की दुर्दशा क्या है वह किसी से छुपी नहीं है। ऐसा चमचमाता शौचालय भिखना गांव स्थित प्लस टू विद्यालय में देखा जा सकता है। विद्यालय परिसर में घुसते ही बांयी ओर बने दो-दो शौचालय एवं पानी की सुविधा बरबस ही लोगों का ध्यान इसओर आकर्षित कर डालती है।

प्रखंड में ऐसा कहीं भी सरकारी कार्य देखने को नहीं मिलता है, जो कार्य सही रूप से हुआ हो या फिर वह सही समय तक टिकाउ रहा हो। इस विद्यालय के शौचालय को देखकर लगा कि वास्तव में सबकुछ पैसा ही नहीं है, निश्चित रूप से इसके निर्माण में प्रभारी प्रधानाध्यापक ने किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती होगी। इसके दिवार, टाईल्स, रंग-रोगन, किवाड सभी कुछ घर के जैसा दिख रहा है।

मौके पर प्रभारी प्रधानाध्यापक सुधेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि सरकार उन्हें शौचालय के लिए राशि देती है, वे ठीकेदार नहीं हैं, जो उससे राशि का बचाव करके अपने कर्त्तव्य के प्रति बेइमानी करें। इस विद्यालय में उनके ही गांव के बच्चे पढते हैं, अगर गलत बनाएंगे, तो जिंदगी भर यहां के ग्रामीण उन्हें ही गाली देंगे। आखिर बच्चे भी तो उनके ही है, फिर उन्हें अपने पॉकेट से पैसा तो लगता नहीं है, फिर बेइमानी क्यों करें। उनकी मंशा हमेशा ही बच्चों के प्रति सजग रहती है। शौचालय ही नहीं, कभी भी उनके विद्यालय में शिक्षक बिना पढाते नहीं नजर आएंगे, बच्चे बिना मतलब प्रांगण में क्लास छोडकर घुमते नजर नहीं आएंगे। वे हमेशा ही सभी बच्चां ही नहीं बल्कि शिक्षकों भी अपने भाई से कमतर नहीं समझा है। कुछ इसी कारण सभी शिक्षक भी शिक्षा दान में भरपूर सहयोग करते हैं। कुल मिलाकर इस विद्यालय से लोगों को सीख लेने की जरूरत है।

हिन्दुस्थान समाचार/नंदकिशोर/चंदा