राष्ट्र और समाज के भविष्य को तराशता है शिक्षक :आनंद कुमार

 




भागलपुर, 14 जून (हि.स.)। भारती शिक्षा समिति एवं शिशु शिक्षा प्रबंध समिति के तत्वावधान में सैनिक स्कूल गणपतराय सलारपुरिया सरस्वती विद्या मंदिर नरगाकोठी में चल रहे नवीन आचार्य प्रशिक्षण वर्ग के 13वें दिन शुक्रवार का प्रारंभ प्रदेश मंत्री भरत पूर्वे, प्रदेश सचिव प्रदीप कुमार कुशवाहा, वर्ग के प्रधानाचार्य सतीश कुमार सिंह एवं रजौली के प्रधानाचार्य जितेंद्र प्रसाद ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।

इस मौके पर भागलपुर के आरक्षी अधीक्षक आनंद कुमार ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र और समाज की बुनियाद है। उसके भविष्य को तराशता है। शिक्षक को नवाचार, नए तकनीक, नए-नए तरीके, नए-नए विचारों की जानकारी देने के लिए यह प्रशिक्षण वर्ग चल रहा है। आज के इस मोबाइल युग में कोई भी चन्द मिनट मोबाइल के बिना नहीं रह पाता है। यह बात सामने आ रही है जो शिक्षकों के लिए बड़ी चुनौती है। छोटे 6 महीने के बच्चे भी मोबाइल की ओर आकर्षित होते जा रहे हैं।

मोबाइल देखे बिना खाना नहीं खाते हैं। इसका कारण है मोबाइल में तीव्र गति से गतिविधियां बदलती रहती है। स्क्रीन में बदलाव तीव्र गति से होता हैं, जो बच्चे के लिए हानिकारक भी है। किंतु बच्चे शिक्षा के लिए यूट्यूब चैनल द्वारा या अन्य प्रकार से लाभ लेना चाहते हैं तो उसके लिए फायदेमंद है। आप अपने विषय को सिंपलीफाई करके अध्यापन करें। जिससे कक्ष के सबसे कमजोर बच्चे भी विषय समझ सकें। इस चुनौती को स्वीकार करना होगा तभी योग्य शिक्षक बनेंगे। प्रदेश मंत्री भरत पूर्वे ने कहा कि जब व्यक्ति नए संस्थान में कार्य करने जाता है तो उसे उस स्थान को जानना पड़ता है। इसलिए इस प्रशिक्षण वर्ग में आपको बुलाया गया है। इस प्रशिक्षण वर्ग में बताए गए बातों को सीखकर आप दक्ष हो जाएं अपने कर्तव्य एवं दायित्वों का निर्वहन कर सकें।

इस अवसर पर भागलपुर आरक्षी अधीक्षक आनंद कुमार, प्रदेश मंत्री भरत पूर्वे, प्रदेश सचिव प्रदीप कुमार कुशवाहा, रमेश मणि पाठक उमाशंकर पोद्दार, ब्रह्मदेव प्रसाद, सतीश कुमार सिंह, राकेश नारायण अम्बष्ट, राजेश कुमार, परमेश्वर कुमार, वीरेंद्र कुमार, गंगा चौधरी, संजीव पाठक, जयंत मिश्रा, शशि भूषण मिश्र, आलोक कुमार, सुजीत कुमार गुप्ता, चंद्रशेखर कुमार, साकेत कुमार, ममता जायसवाल, वंदना पांडे रिचा कुमारी एवं प्रशिक्षणार्थी उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार/बिजय

/गोविन्द