मजदूरों ने मनाया श्रम अधिकार दिवस, 6 दिसम्बर को करेंगे प्रदर्शन
भागलपुर, 02 दिसंबर (हि.स.)। मजदूर वर्ग पर बढ़ते फासीवादी-कॉरपोरेट हमले और मजदूरों के निबंधन और सामाजिक सुरक्षा में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ ऐक्टू से जुड़े मजदूरों ने शनिवार को श्रम अधिकार दिवस मनाया।
मौके पर अधिकारों में की जा रही कटौती और मजदूर हित के कानूनों को लगातार खत्म किए जाने के खिलाफ मजदूरों ने आक्रोश जताया और लेबर ऑफिस में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ बाबा साहेब डॉ. अम्बेदकर के स्मृति दिवस पर 6 दिसम्बर को जिला पदाधिकारी के समक्ष विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की। ऐक्टू और बिहार राज्य निर्माण मजदूर यूनियन के राज्य सचिव और असंगठित कामगार महासंघ के राज्य महासचिव मुकेश मुक्त ने भागलपुर उपश्रमायुक्त के कार्यालय में स्थायी लेबर सुपरिटेंडेंट के नहीं होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
उन्होंने मौके पर कहा कि सामाजिक सुरक्षा हितलाभों के वितरण, मजदूरों का ऑनलाइन निबंधन और कल्याण बोर्ड से मजदूरों की सदस्यता का रिन्यूअल की जटिल प्रक्रिया आदि में उलझा कर मजदूरों को परेशान किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी को शामिल किये जाने से भ्रष्टाचार बढ़ा है। श्रम विभाग भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है।
उन्होंने कहा कि दरअसल ये सब विनाशकारी मोदी सरकार की मजदूर विरोधी लेबर कोड को लागू करने और मजदूरों को प्राप्त सामाजिक सुरक्षा के अधिकार को खत्म करने की साजिश के तहत किया जा रहा है। श्रम सुधार के नाम पर मोदी सरकार लगातार अपने कॉरपोरेट आकाओं के हित और मजदूरों के विरोध में काम कर रही है। एक तरफ श्रम का मूल्य घटाकर मजदूरों का शोषण किया जा रहा है तो दूसरी ओर महंगाई में लगातार भयंकर वृद्धि कर आम मेहनतकश आवाम के जीवन को संकट में डाल दिया गया है।
इसके खिलाफ मजदूरों का संघर्ष जारी रहेगा। मौके पर ऐक्टू के राज्य सह जिला सचिव मुकेश मुक्त, असंगठित कामगार महासंघ के राज्य कमिटी सदस्य राजेश कुमार दास, दिनेश कापरी, बिहार राज्य निर्माण मजदूर यूनियन के इनोद पासवान, लूटन तांती तथा सुगन महतो, जवाहर पंडित, मुकेश साह, अमलेश सिंह, बबलू यादव, सागर सिंह, मो. सलीम, बासुकी दास आदि शामिल हुए।
हिन्दुस्थान समाचार/बिजय
/चंदा