मजदूरों के अधिकारों की रक्षा के लिए ऐक्टू का जागरुकता अभियान शुरु

 


भागलपुर, 26 दिसंबर (हि.स.)। मोदी शासन में मजदूर वर्ग पर जारी हमले के खिलाफ, मजदूर अधिकारों के रक्षा के लिए मंगलवार से ऐक्टू ने जागरुकता अभियान की शुरुआत की। मौके पर लेबर कोड कानून को रद्द करने, मजदूर हित के कानूनों के खात्मे पर रोक, सामाजिक सुरक्षा, निर्माण सहित सभी असंगठित मजदूरों का निबंधन, नियमित काम व न्यूनतम मजदूरी की गारंटी, महंगाई रोकने के लिए ठोस उपाय करने, निजीकरण – छटनी – आउटसोर्सिंग – ठेका प्रथा को बंद करने, पुरानी पेंशन की पुनर्बहाली आदि सवालों को उठाया गया। यह माहव्यापी अभियान 25 जनवरी तक चलेगा और 28 जनवरी को ऐक्टू का 6ठा जिला सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।

ऐक्टू के राज्य सह जिला सचिव मुकेश मुक्त ने जागरुकता अभियान शुरु करते हुए कहा कि मोदी सरकार का पूरा शासनकाल मजदूर-किसानों सहित आम नागरिकों व देश के लिए विनाशकारी साबित हुआ है। इसे सत्ता से बेदखल किए बगैर न तो संविधान बचेगा, न लोकतंत्र, और न ही आम लोगों - मेहनतकश नागरिकों का कोई हक-अधिकार। देश बेचने वाली सरकार को उखाड़ फेंकने की लड़ाई को और अधिक मजबूत व धारदार बनाने के अलावे मजदूर वर्ग के पास और कोई रास्ता शेष नहीं रह गया है। आइए मजदूरों की व्यापक एकजुटता व संगठन विस्तार के लिए हर सम्भव प्रयास करें।

मौके पर ऐक्टू के जिला सह राज्य सचिव मुकेश मुक्त, जिला उपाध्यक्ष विष्णु कुमार मंडल, जिला संयुक्त सचिव राजेश कुमार दास, अमर कुमार व सुभाष कुमार, बिहार राज्य निर्माण मजदूर यूनियन व असंगठित कामगार महासंघ से जुड़े महिला-पुरुष कामगार मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/बिजय/चंदा