बच्चों में वायरल निमोनिया का प्रकोप, हर साल इस मौसम में बच्चों में होती है श्वांस संबंधी समस्या

 


भागलपुर, 28 नवंबर (हि.स.)। इन दिनों बदलते मौसम के कारण भागलपुर में बच्चों में वायरल निमोनिया का काफी प्रकोप देखा जा रहा है। भागलपुर के सरकारी अस्पतालों के अलावा निजी चिकित्सालयों में भी निमोनिया के मरीजों की संख्या काफी देखी जा रही है। औसतन 25 से 30 बच्चे स्वास्थ्य संबंधी बीमारी को लेकर अस्पताल आ रहे हैं।

पीजी शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राकेश कुमार ने बताया कि प्रत्येक वर्ष इस मौसम में बच्चों में स्वास्थ्य संबंधी बीमारी का प्रकोप बढ़ जाता है। इसका मुख्य कारण मौसम में बदलाव के साथ-साथ प्रदूषण का होना है। उन्होंने बताया कि ऐसे मौसम में इंफेक्शन वाले मरीज की संख्या काफी कम हो जाती है और श्वांस संबंधी समस्याएं बच्चों में देखी जाती है। जहां तक चीन में फैले बीमारी की बात है तो उसकी संभावना ना के बराबर दिख रही है।

उन्होंने बताया कि लोगों में अस्पताल के प्रति भरोसा काफी बढ़ा है। इसके कारण भी अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इसमें घबराने की जरूरत नहीं है। बच्चे अस्पताल आते हैं और स्वस्थ होकर घर जाते हैं।

उल्लेखनीय है कि निमोनिया फेफड़ों में होने वाला संक्रमण है। यह शरीर में एयरसैक को संक्रमित करता है। कारण चाहे जो भी हो निमोनिया के लिए बैक्टीरिया को जिम्मेदार माना जाता है। इस संक्रमण में संक्रमित व्यक्ति के फेफड़ों में मौजूद वायु थैली में पानी या मवाद भर जाता है। जिससे व्यक्ति को खांसी, सीने में दर्द होने के अलावा सांस लेने में भी समस्या होने लगती है। स्थिति गंभीर होने पर कई बार पीड़ित की जान तक चली जाती है।

चिकित्सक बताते हैं कि सामान्य अवस्था में निमोनिया हमेशा घातक नहीं होता, लेकिन यदि इसके इलाज में देर हो तो इसके गंभीर प्रभाव नजर आने लगते हैं।

डॉ अजय कुमार सिंह शिशु रोग विशेषज्ञ ने बातचीत में बताया कि निमोनिया होने पर आप गुनगुना पानी का प्रयोग करें एवं पंखा एसी का प्रयोग ना करें। चादर कंबल ढक कर ही रात में सोएं। उन्होंने कहा कि अभी बच्चों को ज्यादा सुरक्षित रखने की जरूरत है। बच्चों को ठंडा पानी, आइस क्रीम, कोल्ड ड्रिंक से काफी दूर रखें। तभी आप निमोनिया जैसे रोग से दूर रह सकते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/बिजय

/चंदा