नवगछिया के किसान नए प्रजाति का केला टिसुकल्चर से कर रहे खेती, बढ़ेगी केले की मांग

 


भागलपुर, 27 अक्टूबर (हि.स.)। जिले का नवगछिया अनुमंडल अपने खास केला की खेती केला के लिए प्रसिद्द है। अब यहां के किसानो ने एक नयी प्रजाति का केला टिसुकल्चर का जी नाइन को लगाना शुरू किया है। इस केले की खासियत यह है की यह केला अन्यप्रजातियों से बिलकुल अलग है। इसके बारे में किसान श्री से सम्मानित किसान नीरज कुमार ने बताया कि यह बौना किस्म का होता है, जो आंधी से प्रभावित नहीं होता और कम समय में जयादा मुनाफा देती है। इसका छिलका नहीं पकता है। बल्कि फल पकता है। जिसके कारण इस केला को कोल्ड स्टोर में रखने की जरुरत नहीं पड़ती है। ज्यादा दिन तक यह केला सुरक्षित रहता है।

किसान श्री से सम्मानित अन्य किसान नीरज साहू ने टिशुकाल्चर केला के बारे में बताया कि जो एक बार इस केले को खरीदता है वो बार -बार इसी केले की मांग करता है। क्योंकि इस केले का स्वाद अन्य केले के मुकाबले ज्यादा अच्छा है। किसानों का यह भी कहना है कि इस केले की खेती की तकनीकी जानकारी पर्याप्त रूप से नहीं होने के कारण इस केले की खेती करने में दिक्कतें हो रही है। इस तकनीक से केलांचल के नाम से जाना जाने वाला नवगछिया अनुमंडल में आने वाले समय में टिशुकल्चर केले का बोल बाला होगा और केलांचल का नाम भागलपुर में ही नहीं बल्कि पुरे देश में फैलेगा।

हिन्दुस्थान समाचार/बिजय/चंदा