जप दिवस के रूप में मनाया गया पर्युषण पर्व का छठा दिन
भागलपुर, 6 सितंबर (हि.स.)। तेरापंथ उपासना कक्ष में जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा एवं तेरापंथ महिला मंडल के संयुक्त तत्वाधान में शुक्रवार को जप दिवस के रूप में मनाया गया। पर्युषण पर्व आत्मसाधना और आत्मआराधना का पर्व है। व्यक्ति त्याग तपस्या के द्वारा अपने इंद्रिय मन और चित्त को संयमित करते हुए अपनी आत्मा के निकट जाने का प्रयास करता है। आत्मा के निकट जाने के लिए व्यक्ति के द्वारा गृहीत किए हुए व्रत, जप और ध्यान उसे परमात्मा मे लीन होने का मार्ग अग्रसर करते हैं। किस प्रकार एक शब्द की आवृत्ति करते हुए व्यक्ति परमात्मा पद को प्राप्त करता है। ऐसी ही कला को सिखाता है जप दिवस।
उपासिका मंजू नाहटा ने अपने वक्तव्य में जप दिवस के अवसर पर कहा कि अध्यात्म साधना का एक महान उपक्रम है जप हम मन में एकाग्र बनाकर नमस्कार महामंत्र का जाप करें। यदि बुढ़ापे में ज्यादा बैठना संभव न हो तो लेते-लेते श्वांस पर भी जप किया जा सकता है। उपासिका भारती रांका ने जप दिवस के अवसर पर कहा कि मंत्र विविध शक्तियों का खजाना है। मनोयोगपूर्वक जाप करने से वह सारी शक्तियां जपकर्ता में धीरे-धीरे प्रकट होने लगती है। हर शब्द में अपनी शक्ति होती है और बार-बार उसका उच्चारण या दोहराने से हम संसार सागर को पार लगा सकते हैं। अनेक विशिष्ट लब्धियों को पाने के लिए हमें जप की शक्ति का ही आलंबन लेना चाहिए। पर्युषण के पहले दिन से श्रावक श्राविकाओं की अच्छी संख्या में उपस्थिति देखी गई। छठे जप दिवस तक आते-आते तो उपासना कक्ष का हॉल पूरी तरह से श्राविकाओं से भरा रहता है।
सभा अध्यक्ष विनोद बैद, मंत्री अभिषेक बोथरा, संदीप बैद, संपत बैद, हंसराज बैद, गणेश बोथरा, टीकम चंद बेताला, उज्जैन मालू, पंकज बैद, प्रिया बोथरा, रानू सेठिया, महक बेतला, प्रमिला कोठारी, श्रृष्टि बैद, सरोज बोहरा, अनिता बैद, सपना मालू, मनीषा सेठिया, मानक बेताला, राजू बैद एवं अन्य श्रावक एवं श्राविकाओं ने दिल्ली से पधारे उपासिका भारती रांका और मंजू नाहटा द्वारा जप दिवस के उपलक्ष पर दिए हुए प्रवचन का लाभ उठाया।
हिन्दुस्थान समाचार / बिजय शंकर