औलिया का जीवन शिक्षा योग - सैयद हसन, सैयदना पीर दमड़िया शाह का मनाया गया 421वां उर्स-ए-पाक
भागलपुर, 22 दिसंबर (हि.स.)। औलिया अल्लाह के दोस्त होते हैं और वह हमेशा लोगों को खुदा के बताए मार्ग पर चलने की लोगों को हिदायत व प्रेरणा देते हैं। औलिया अल्लाह की नेकियां और उनका खुदा से ताल्लुक ऐसा होता है कि उनका दुनिया के जाने के बाद भी उनसे अकीदत व मोहब्बत रहने वालों के दिल में उन अल्लाह वालों की याद हमेशा जिंदा रखती है। यह बातें देश के प्रसिद्ध खानकाह-ए-पीर दमड़िया शाह के 15वें सज्जादानशीं सैयद शाह फखरे आलम हसन ने सज्जादानशीं शाह हसन मखदूम सैयदना शर्फुउद्दीन अली मोहम्मद उर्फ पीर दमड़िया शाह रहमतुल्ला अलैहि के सालाना 421वां उर्स-ए-पाक पर आयोजित जलसा को सम्बोधित करते हुए शुक्रवार को कही।
सज्जादानशीं ने कहा कि बुजुर्गों का जीवन लोगों के लिए शिक्षा योग है। लिहाजा उनसे अकीदत और मोहब्बत रखने की जरूरत है। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि अल्लाह के बुजुर्गों के बारे में कुरान में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि औलिया कराम अल्लाह के दोस्त होते हैं। खानकाह-ए-पीर शाह के जद्दे अमजद (पूर्वज) हजरत सैयदना मखमूर शर्फुउद्दीन अली मोहम्मद रहमतुल्ला अलैहि के सालाना 421वां उर्स-ए-पाक के मौके पर बड़ी संख्या में हिन्दू-मुसलमानों की हाजिरी हुई, जहां इसालो सवाब के लिए के लिए कुरानखानी का आयोजन किया गया। उर्स-ए-पाक पर मदरसा सैयद अली अहमद पीर दमड़िया के चार छात्रों की सज्जादानशीं द्वारा दस्ताबंदी की गई। इस अवसर पर सैयद अली सज्जाद, मौलाना अब्दुल्ला बुखारी, मौलाना अता उल्लाह बुखारी, हाफिज कैस, सैयद घीरन शाह, हाफिज जैनूल आबेदिन, मौलाना अशरफ, मो. निजामुद्दीन, निसार बाबा सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार/बिजय
/चंदा