नालंदा में महा गठबंधन का चुनावी समीकरण बदला

 


नालंदा, बिहारशरीफ 4 नवंबर (हि.स.)।नालंदा की सियासत में इन दिनों एक नया सवाल गूंज रहा है- महा गठबंधन में सबकुछ ठीक है या कुछ खटास है? पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने नालंदा जिले में कहीं भी कांग्रेस प्रत्याशियों के समर्थन में सभा नहीं की है, जबकि उन्होंने अस्थावां , इस्लामपुर और हिलसा में राजद प्रत्याशियों के पक्ष में जमकर प्रचार किया और भारी मतों से जीताने की अपील की ।कांग्रेस के राष्ट्री य नेता राहुल गांधी ने 30अक्टूबर को नालंदा वि धानसभा क्षेत्र के नूरसराय में चुनावी सभा की ।

कार्यक्रम सेपहले बड़े पैमाने पर प्रचार हुआ कि राहुल केसाथ तेजस्वी यादव भी मंच साझा करेंगे।लेकि न ऐसा नहीं हुआ — राहुल आए,तेजस्वी नहीं पहुंचे।सभा में भीड़ तो जुटी , लेकिन जब लोगों ने मंचपर तेजस्वी को नहीं देखा , जोश ठंडा पड़ गया ।राहुल के भाषण के दौरान तालियां भी कम बजीं , औरभीड़ धीरे-धीरे सरकने लगी ।बिहारशरीफ के रहुई बाजार में 3 नवंबर को मुकेश सहनी और तेजस्वी यादव की साझा चुनावी सभा की चर्चा थी । प्रिंट मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक पर तेजस्वी केआने का प्रचार किया गया लेकिन अंतिम वक्त पर मुकेश सहनी तो पहुंचे, तेजस्वी यादव नहीं आए।राजद कार्यालय ने सफाई दी - “इन दोनों सभाओं में तेजस्वी यादव के आने का कार्यक्रम था ही नहीं । ”नालंदा जिले की तीन सीटों — बि हारशरीफ,नालंदा और हरनौत से कांग्रेस उम्मीदवार मैदान में हैं।बिहारशरीफ से उमैर खान प्रत्याशी हैं, जिनके बारे में कहा गया कि वे राहुल गांधी के बेहद करीबी हैं और भारत जोड़ो यात्रा में उनके साथ चले थे। इसके बावजूद, राहुल गांधी ने जिला मुख्यालय बिहारशरीफ में सभा नहीं की ।सियासी विश्लेषकों का कहना है कि “राहुलऔर तेजस्वी की अलग-अलग सभाएं और कांग्रेस प्रत्याशियों के कार्यक्रमों से दूरी यह दिखाता है कि महागठबंधन में सबकुछ सहज नहीं है।”नालंदा के सियासी गलियारों में यह चर्चा अब तेज होती जा रही है कि महा गठबंधन में तालमेल की कमी कांग्रेस उम्मीदवा रों के लिए मुश्किल खड़ी कर सकती है।

तेजस्वी यादव के नहीं आने से राजद समर्थक व वोटरों में उलझन और निराशा दोनों देखी जा रहीहै।विशेषकर कां ग्रेस प्रत्याशियों के लिए यह चुनावी समीकरण बदल सकता है।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रमोद पांडे