दस दिवसीय नगर कीर्तन परम्परा का विजया दशमी को हुआ समापन

 




सहरसा,24 अक्टूबर (हि.स.)। स्थानीय कायस्थ टोला में पिछले कई दशक सें दुर्गापूजा के शुभ अवसर पर दस दिन सूर्योदय से पूर्व सुबह सुबह नगर कीर्तन मंडली द्वारा रामनाम के महामंत्र का गायन किया जा रहा है।डॉ गिरिधर कुमार पुटिश ने कहा कि इस परम्परा की शुरुआत 1951-52 मे शुरू किया गया था। जिस समय कोशी मैया के प्रकोप से इस जगह के वाशिंदे त्राहि त्राहि कर रहें थे। कोशी मैया के उग्र रूप से लोगो को निजात दिलाने के लिए कीर्तन परम्परा की शुरुआत हुई।जिसका निर्वहन आज भी बखूबी निर्वहन किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि विजया दशमी के नगर कीर्तन में सैकड़ो नगरवासियों ने भाग लिया।कुल मिलाकर साढे 12 किलोमीटर लम्बी आज की इस कीर्तन-यात्रा का शुभारम्भ कायस्थ टोला चौक स्थित कुलेन्द्र नन्द भवन कला वाटिका से होकर कायस्थ टोला शिव मंदिर, कॉलेज गेट दुर्गा मंदिर, हनुमान मंदिर, राम जानकी मंदिर, प्रशांत रोड दुर्गा मंदिर, बस स्टैंड काली मंदिर, पंचवटी दुर्गा मंदिर, थाना चौक दुर्गा मंदिर, हनुमान मंदिर, शंकर चौक राम जानकी ठाकुरबाड़ी, महावीर चौक महावीर मंदिर, बड़ी दुर्गा स्थान, चांदनी चौक काली मंदिर होते हुए लोको शेड (पश्चिमी) दुर्गा स्थान, लोको शेड (पूर्वी) दुर्गा स्थान, रेलवे कॉलोनी दुर्गा स्थान,झपड़ा टोला गहबर,बहिलवा पोखर काली मंदिर के रास्ते वापस अपने आरम्भ स्थल पहुंच कर दस दिवसीय कीर्तन का समापन किया गया।

इस मंडली मे भुपेन्द्र कुमार पांचू,किशोर शर्मा, ललन देव शर्मा,मनोज शर्मा, कपली शर्मा,संतोष कुमार,कुलदीप शर्मा,राज सिन्हा,रमाकांत रमन, अचल कुमार,रंजन कुमार, किशोर नाथ झा,रवि भूषण सिन्हा,सिद्धांत श्रीवास्तव,सज्जन कुमार, योगानंद सिन्हा,राजेंद्र शर्मा,पवन झा,वार्ड पार्षद प्रतिनिधि दुर्गा कांत झा आर पूर्व नगर सभापति रेणु सिन्हा भी उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार/अजय

/चंदा