लोकसभा चुनाव के बीच मुख्यमंत्री नीतीश ने बिहार के लोगों के नाम जारी किया पत्र
पत्र में लालू-राबड़ी के शासनकाल की दिलाई याद
पटना, 23 अप्रैल (हि.स.)। लोकसभा चुनाव के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के लोगों के नाम एक पत्र लिखा है, जिसे मंगलवार को सार्वजनिक किया गया। नीतीश ने इस पत्र में वर्ष 2005 के पहले के बिहार के हालात को बयां किया है। लालू यादव और राबड़ी देवी को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा है कि तब बिहारवासियों को देश-दुनिया में अपमान झेलना पड़ता था।
बिहार के लोगों को संबोधित पत्र में नीतीश ने लिखा है, आपको याद होगा कि 2005 से पहले की सरकार ने बिहार को किस हाल में पहुंचा दिया था। बिहार का खजाना खाली था। सड़क, बिजली, स्कूल, अस्पताल जैसी बुनियादी सुविधाओं पर कोई बात करने वाला नहीं था। घोटाले, अपराध, अपहरण, हत्या, डकैती, नरसंहार, माफिया राज इत्यादि बिहार की पहचान बन चुके थे। उद्योग-धंधे बंद हो गए थे। अपराधियों के डर से व्यापारी-कारोबारी बिहार से पलायन कर गए थे। और तो और चिकित्सकों तक का फिरौती के लिए अपहरण हो जाया करता था।
यह कहना ठीक नहीं होगा कि बिहार में व्यवस्था चौपट हो चुकी थी। सच तो यह है कि उस समय बिहार में कोई व्यवस्था ही नहीं थी। बिहारवासियों को देश-दुनिया में अपमान झेलना पड़ता था लेकिन 2005 में घना अंधेरा छंटा। उम्मीदों का नया सूरज उगा। बिहार की देवतुल्य जनता ने राज्य में एनडीए की सरकार को मौका दिया और हमने बिहार को अराजकता और अव्यवस्था से बाहर निकालकर उसे विकास की राह पर ले जाने का संकल्प लिया।
नीतीश ने लिखा है कि आप सब लोग जानते ही हैं कि इसके लिए हमने अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया। बिहार का नव-निर्माण किया। बिहार को उसकी खोई हुई गरिमा वापस मिली। आज बिहार का परचम देश-दुनिया में लहरा रहा है। हमने सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, कानून व्यवस्था सहित हर क्षेत्र में बहुत काम किया है। बिहार के गांव, टोलों तक सड़कों का जाल बिछाया है। शहरों से लेकर गांवों तक लोगों को 24 घंटे बिजली मिल रही है। किसी भी देश, राज्य, समाज में सामाजिक और आर्थिक मजबूती के लिए सुशासन बेहद जरूरी है। हमने बिहार में सुशासन सुनिश्चित करके दिखाया है।
पत्र में लिखा है कि हमने सात निश्चय-2 के अंतर्गत बिहार में 10 लाख सरकारी नौकरियां और 10 लाख रोजगार देने की बात कही थी। इस दिशा में बिहार अब इतिहास रच रहा है। शिक्षा, पुलिस सहित अन्य विभागों में लाखों युवकों-युवतियों को सरकारी नौकरियां मिल चुकी हैं। लाखों लोगों को रोजगार के लिए सरकार की तरफ से मदद की गई है। बिहार में अब बड़े-बड़े निवेश आ रहे हैं। नौकरी-रोजगार के नए अवसर बन रहे हैं। इन सबसे लोगों की आमदनी और बढ़ेगी। बिहार समृद्धि के नए आयाम छुएगा। हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि आगे भी लाखों लोगों को सरकारी नौकरियां और रोजगार देते रहेंगे।
नीतीश ने लिखा है कि पहले सुविधाओं के अभाव में लड़कियां पढ़ाई-लिखाई नहीं कर पाती थीं। आगे नहीं बढ़ पाती थीं लेकिन हमारी सरकार की विभिन्न योजनाओं की मदद से बेटियां पढ़ने लगी हैं, आगे बढ़ने लगी हैं। पुलिस में भर्ती होकर बेटियां राज्य की सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। अब बिहार की बेटियां किसी भी क्षेत्र में किसी से कम नहीं हैं। हमने आधी आबादी को उसके अधिकार दिए।
बिहार में महिलाओं को 2006 से पंचायतों और स्थानीय निकायों में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। राज्य की सभी सरकारी नौकरियों में 2016 से महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। महिलाओं के उत्थान के लिए हमने बिहार में जीविका समूह बनाए हैं। राज्य में 10 लाख से अधिक जीविका समूहों से जुड़कर एक करोड़ 30 लाख से अधिक महिलाएं अपने परिवार की आजीविका का सहारा बन रही हैं। बिहार के जीविका मॉडल की देश-दुनिया में तारीफ हुई है।
पत्र में लिखा है कि किसानों को समृद्ध बनाने के लिए हमने चार कृषि रोडमैप लागू किए हैं। इससे फसलों की पैदावार बढ़ी है। किसानों की आय बढ़ी है। सात निश्चय-2 के तहत हम हर खेत तक पानी पहुंचाने की योजना पर काम कर रहे हैं। बिहार की उन्नति के साथ ही यहां के गौरवशाली इतिहास, समृद्ध विरासत और बिहारी अस्मिता को सहेजने के लिए हम लगातार काम कर रहे हैं। हमने बिहार से जो वादा किया, उसे पूरा करके दिखाया है। बिहार की उन्नति के लिए हम लगातार काम कर रहे हैं, आगे भी करते रहेंगे। बिहार की सेवा ही हमारा धर्म है। पूरा बिहार हमारा परिवार है।
इस पत्र के आखिर में नीतीश ने कहा है कि आपके संसदीय क्षेत्र में मतदान होने वाला है। हम सबका लक्ष्य इस बार बिहार की सभी 40 लोकसभा सीटें जीतने का है। हमारा अनुरोध है कि आप अपना और अपने परिवारजनों का वोट एनडीए प्रत्याशी को दें। इसके अलावा आप मेरी तरफ से अपने परिचितों, रिश्तेदारों, पास-पड़ोस के लोगों से भी एनडीए प्रत्याशी को ही वोट देने के लिए आग्रह करें।
हिन्दुस्थान समाचार/ चंदा/चंद्र प्रकाश