स्वास्थ्य सुविधा को अंतिम पायदान तक पहुंचाने में नर्सों की अहम भूमिका: सिविल सर्जन

 


हमारी नर्सें। हमारा भविष्य। देखभाल की आर्थिक शक्ति। की थीम पर मनाया गया विश्व नर्स दिवस

किशनगंज,12मई(हि.स.)। किसी बीमारी से उबरने में जितना बड़ा योगदान दवाओं और इलाज का होता है, उतना ही सही देखभाल का भी होता है। इसमें डॉक्टर्स से कहीं बड़ी जिम्मेदारी नर्सेज निभाती हैं, जो 24 घंटे मरीज की देखरेख में लगी रहती हैं। इन्हें सम्मान देने के मकसद से दुनियाभर में हर साल 12 मई को ‘अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस’ मनाया जाता है। विश्व में कोरोना महामारी के दौर में जब करोड़ों की तादाद में लोग अस्पतालों में थे, तब डॉक्टर्स के साथ नर्सों ने अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों की जिंदगियां बचाईं। हेल्थकेयर इंडस्ट्री में दशकों से नर्सों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

वैश्विक महामारी कोरोना काल की बातें या चर्चाएं शुरू होती है तो आम से लेकर खास तक की जुबां पर स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों एवं नर्सों का ख्याल सबसे पहले आ जाता है। क्योंकि इन्हीं लोगों की बदौलत न जाने कितने की ज़िंदगी वापस लौटी होगी। यह दिन इन मेहनती पेशेवरों के योगदान की याद दिलाता है, जिनके बिना स्वास्थ्य सेवाएं अधूरी हैं। कोविड महामारी में भी आपने देखा होगा, कि कैसे फ्रंटलाइन में खड़े होकर यह लोग हर एक जिंदगी को बचाने की कोशिश कर रहे थे। इसी क्रम में जिले के सदर अस्पताल में विश्व नर्स दिवस के उपलक्ष्य में केक काटकर कार्यरत सभी नर्स को बधाई दी गयी।

उक्त अवसर सदर अस्पताल उपाधीक्षक ने बताया की इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्स (आईसीएन) ने साल 1974 में अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस मनाने की घोषणा की थी। फ्लोरेंस नाइटिंगेल के सम्मान में 12 मई को आधिकारिक रूप से इंटरनेशनल नर्सेस डे मनाने का फैसला लिया गया। तब से हर साल यह खास दिन मनाया जाता है। फ्लोरेंस नाइटिंगेल के सम्मान में उनकी जयंती पर सेलिब्रेट किया जाता है। इसी क्रम में परिवार नियोजन कार्यक्रम में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को परिवार नियोजन के लिए कई बार समझाने के बाद सफलता मिली है।

हिन्दुस्थान समाचार/धर्मेन्द्र/चंदा