सर्वोच्च न्यायालय ने सहरसा में एम्स निर्माण हेतु विशेष अनुमति याचिका की स्वीकार, राज्य और केंद्र सरकार को किया नोटिस
सहरसा,05 जनवरी (हि.स.)।ऐतिहासिक एम्स आंदोलन के कोशी विकास संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष विनोद कुमार झा अधिवक्ता एवं पूर्व जिला पार्षद संरक्षक सह भाजपा नेता प्रवीण आनंद द्वारा पिछले आठ-नौ वर्षों से एम्स निर्माण संघर्ष समिति बैनर तले एम्स सहरसा की जनहितैषी मांग को सड़क से सदन, फिर उच्च न्यायालय पटना अब सर्वोच्च न्यायालय में भी इन दोनों द्वारा विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दाखिल किया गया है।विनोद एवं प्रवीण द्वारा दाखिल एसएलपी डायरी नंबर 32389/2023 पर सहरसा के लाल सीनियर अधिवक्ता रतन कुमार सिंह सहित पांच अधिवक्ताओं के तर्कसंगत विधिसंगत एवं कोशी वासियों के गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को सुनकर सर्वोच्च न्यायालय ने एम्स सहरसा याचिका स्वीकार कर लिया है। इसके साथ ही केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस भी जारी कर दिया गया है।
यह सहरसा वासियों सहित कोशी प्रमंडल वासियों के लिए बहुत सुखद समाचार है। केन्द्र और राज्य सरकार एम्स की बात वर्षों से दरभंगा पर ही केन्द्रित किए हुए हैं। दरभंगा के शोभन में जहां एम्स की बात हो रही है। वह भूमि लगभग 30 फीट से भी अधिक गहरी भूमि और सदैव जलजमाव में रहता है। इसके दो सौ एकङ भूमि को एम्स मानक के अनुसार भरना युक्तिसंगत नहीं पाकर केन्द्र सरकार इस भूमि को खारिज कर दिया था।लेकिन बिहार सरकार ने फिर शोभन दरभंगा का ही प्रस्ताव केन्द्र को भेजा है कि कितना भी गहरा भूमि क्यों ना हों सैकड़ों करोड़ रुपये खर्च कर भर देंगे। इसी निमित्त 309 करोड़ रुपये मिट्टी भराने हेतु बिहार सरकार ने टेंडर निकाला है।
विदित हो कि एम्स मानक के अनुसार जिला पदाधिकारी सहरसा ने अपने पत्रांक 1525 दिनांक 26 अगस्त 2017 को 217 एकङ 74 डिसमिल ऊंची भूमि जो कभी वर्षा एवं बाढ प्रभावित नहीं रहा है। नगर निगम की भूमि राज्य सरकार को भेजा था। जिसपर बङे राजनीति के कारण ठंडे बस्ते में डालने का प्रयास किया गया। 3 जनवरी 2024 को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से एम्स सहरसा का पक्ष मजबूत हो गया है।एम्स का निर्माण सहरसा में होने से कोशी वासियों सहित कई जिलों के निवासियों खासकर गरीबों के लिए वरदान साबित होगा।
मोर्चा के संघर्ष के साथी प्रीतेश रंजन,ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू, मिथिलेश सादा ने कहा कि दरभंगा सरकारी मापदंड को पूरा नहीं कर रही है तो सरकार को सहरसा में एम्स की स्वीकृति दे देनी चाहिए । सर्वोच्च न्यायालय से न्याय मिलेगी और सहरसा में एम्स निर्माण होगी।
हिन्दुस्थान समाचार/अजय/चंदा