कोरोना काल के दौरान डाक्टर अभिषेक की पुस्तक को पहली प्रकाशित किताब का मिला दर्जा

 






बेगूसराय, 04 अगस्त (हि.स.)। बिहार के कंसल्टेंट नेत्र विशेषज्ञ डॉ. अभिषेक कुमार की किताब ''कोरोना डायरी : इंडिया फाइट्स अगेंस्ट कोविड-19'' को डब्लूएसी बुक रिकॉर्ड इंटरनेशनल के द्वारा कोविड-19 महामारी पर आधारित पहली प्रकाशित किताब का दर्जा दिया गया है। इसके लिए इन्हें '' महात्मा गांधी इंटरनेशनल अवार्ड-2023'' के सर्टिफिकेट ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया है।

डॉ. अभिषेक की यह किताब कोरोना काल के दौरान 18 मार्च से तीन जून 2020 के दौरान इनके द्वारा फेसबुक पर प्रसारित 53 आलेखों और 53 कविताओं का संग्रह है।इस किताब से जुड़ी खास बात है कि यह किताब कोरोना काल के दौरान ही लिखी गयी और इसी दौरान डॉ. अभिषेक के द्वारा इस किताब का स्वप्रकाशन भी जून 2020 में ही करवाया गया था। इस किताब के लिए कोरोना काल के दौरान ही प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा डॉ. अभिषेक को शुभकामना पत्र भेजा गया था। इस किताब में संग्रहित आलेख और कविताएं जन जागरूकता, कोरोना पर नवीनतम शोध, वैज्ञानिक दृष्टिकोण, कोरोना काल का आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव तथा प्रमुख घटनाओं - परिघटनाओं और व्यक्तिगत अनुभूतियों से संदर्भित है।

डॉ. अभिषेक कुमार का हेल्थ साइंस अपना प्रोफेशन है, वहीं हिंदी साहित्य अपना पैशन मानते है। डॉ. अभिषेक कुमार की अब तक कुल नौ किताबें रस्सा खोल, झुकती पलकों की चीख, कोरोना डायरी : इंडिया फाइट्स अगेंस्ट कोविड-19, साहित्यिक मठाधीशों का काला चिट्ठा, पीडोफिलिक नागार्जुन : विवादों और साजिशों के बीच, मुक्ताकाश, मेरी सौ बाल कविताएं, मेरी इक्यावन बाल कविताएं, दो भागों में कुछ कही कुछ अनकही प्रकाशित हो चुकी है। इनकी कुछ कविताओं का जिक्र विश्वविद्यालय के शोधार्थियों के द्वारा अपने शोध पत्रों में भी किया गया है। डॉ. अभिषेक ने इस किताब के प्रमाणन के लिए नेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और लंदन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी एप्लिकेशन दे रखा है। उन्होंने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, पत्नी, बहन, पुत्र और दोस्तों को देते हुए अपने तमाम शुभेच्छुओं के प्रति आभार व्यक्त किया है।

हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र/चंदा