सहरसा में एम्स निर्माण को लेकर विशेष अनुमति याचिका सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल

 


सहरसा,02 मई (हि.स.)। कोशी प्रक्षेत्र के लाखों लोगों के सम्पूर्ण स्वास्थ्य के रक्षार्थ कोशी में लाखों रोजगार एवं चहुंमुखी विकास हेतु लगभग 10 वर्षों से सहरसा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की मांग हेतु आजतक संघर्ष जारी है।

सहरसा में एम्स निर्माण मांग हेतु अब विशेष अनुमति याचिका संख्या-810/2024 द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में कोशी विकास संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष विनोद कुमार झा एवं प्रधान संरक्षक प्रवीण आनंद द्वारा याचिका दाखिल कर न्यायालय से एम्स- सहरसा का गुहार लगाया गया है।

विद्वान सीनियर अधिवक्ता रतन कुमार सिंह एवं अन्य सीनियर अधिवक्ता के एम्स सहरसा की आवश्यकता पर विधिसंगत न्यायसंगत बहस को सुनने के उपरान्त न्यायालय ने सहरसा की याचिका को प्रस्वीकृत कर आदेश दिया है कि केन्द्र और बिहार सरकार बतावें कि एम्स हेतु उपयुक्त भूमि कहां है, जिसमें बिहार सरकार की ओर से काउन्टर एफिडेविट के साथ जबाब दिया गया कि सहरसा जिलाधिकारी द्वारा 217 एकङ 74 डिसमिल सही में दिया गया है। जबकि केन्द्र सरकार की ओर से अभी तक वकालतनामा हीं दाखिल किया गया है। अभी तक याचिका का जबाब नही दिया गया है।

केन्द्र को छ मई तक जबाब देना है और इसका प्रत्युत्तर फिर आवेदक के विद्वान अधिवक्ता देंगे।एम्स सहरसा हेतु देश की सबसे बड़ी अदालत से शुभ सूचना आने की उम्मीद में विनोद झा एवं प्रवीण आनंद के साथ सम्पूर्ण कोशी वासियों का साथ है।पिछले दिनों कटिहार टॉउन हॉल में विनोद झा एवं प्रवीण आनंद को कोशी के गौरव से सर्वोदय समाज द्वारा सम्मानित किया जाना संघर्षशील साथियों में एक बहुत बड़ा मैसेज गया है। बड़े बड़े राजनीति करने वाले ऐसे महानुभाव अब इनके एम्स की मांग को अपने मेनीफेस्टो में जोड़ने हेतु विज्ञापन निकाल रहे हैं।अगर सर्वोच्च न्यायालय से एम्स सहरसा के पक्ष में अंतिम आदेश आता है तो सचमुच कोशी प्रक्षेत्र के लोगों का कायाकल्प हो जाएगा।साथ ही निःसंदेह स्वच्छ स्वस्थ सुन्दर और विकसित कोशी होने मे विलंब नहीं होगा।

हिन्दुस्थान समाचार/अजय/चंदा