तालिमी मरकज शिक्षा स्वयंसेवक संघ ने किया शिक्षा विभाग के समर कैंप का विरोध

 


बेगूसराय, 28 मई (हि.स.)।टोला सेवक और तालिमी मरकज शिक्षा सेवक की संयुक्त बैठक रविवार को गांधी स्टेडियम में आयोजित किया गया। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ब्रह्मानंद दास की अध्यक्षता एवं जिला सचिव मो. अकबर के संचालन में आयोजित बैठक में तालिमी मरकज शिक्षा स्वयंसेवक संघ ने ग्रीष्मावकाश में आयोजित होने वाले समर कैंप का विरोध किया है।

संघ के जिलाध्यक्ष तारिक अनवर एवं सुजीत रजक ने कहा कि जिला तालिमी मरकज शिक्षा सेवक और टोला सेवक संघ बिहार राज्य शिक्षा सेवक संघ पटना के आह्वान पर एक से 30 जून तक चलने वाले समर कैंप का विरोध करता है। यह सरकार अल्पसंख्यक, महादलित, दलित एवं अति पिछड़ा वर्ग को ठगने का काम कर रही है।

इस महंगाई के दौर में मात्र 9680 रुपये मानदेय देकर शिक्षा सेवकों को गुमराह कर रही है। अगर सरकार हमसे अलग से काम लेती है, तो उसकी मजदूरी हमें अलग से मिलनी चाहिए। हम शिक्षा सेवक का चयन छह से 14 वर्ष तक के बच्चों को शिक्षा देने के लिए किया गया है। इसके बावजूद सरकार द्वारा ग्रीष्मावकाश में समर कैंप चलाने के लिए मजबूर कर रही है जो कहीं से भी उचित नहीं है।

प्रदेश प्रधान महासचिव मो. असजद अली नें कहा कि जब तक हमारी तीन माह से लंबित बकाया मानदेय, सेवा अभिलेख संधारण, कार्यरत शिक्षा सेवक के मृत्यु उपरांत विभाग के द्वारा मिलने वाला अनुग्रह राशि, महिलाओं के लिए विशेष अवकाश जैसे विभिन्न मांगों को पूरा नहीं की जाती है। तब तक हम लोग इस समर कैंप जैसे कोई भी अतिरिक्त योजना का बहिष्कार करते रहेंगे।

ब्रह्मानंद दास ने कहा कि जिनका वेतन 40 हजार से एक लाख रुपये तक का है, वह लोग गर्मी की छुट्टी घर पर मना रहे होंगे। जबकि 9680 रुपये वेतन पाने वाले टोला सेवक, तालिमी मरकज को गर्मी की छुट्टी में भी काम करने के लिए बाध्य किया जा रहा है। समर कैंप गर्मी की छुट्टी के बाद संचालित हो। कक्षा छह एवं सप्तम के बच्चों को पढ़ाने के लिए हाई स्कूल एवं उच्च विद्यालय के शिक्षक कारगर हैं, जो इन्हें सही शिक्षा दे सकते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र/गोविन्द