प्रसार भारती के निदेशक को शारदा युनिवर्सिटी ने सम्मानित किया

 


सहरसा, 23 अगस्त (हि.स.)।

इंसान में अगर कुछ करने की जज्बा हो तो लाख मुसीबत आने के बावजूद उसे सफलता निश्चित ही मिलती है।साथ ही अगर मन में लगन हो और हौसला बुलंद हो तो आसमान की बुलंदी पर पहुंचना आसान हो जाता है।यह कर दिखाया है सहरसा मुख्यालय के कायस्थ टोला निवासी स्व. रामचंद्र प्रसाद सुमन के पुत्र रमण कुमार ने। वे अभी वर्तमान में अंतर्राष्ट्रीय रिलेशन प्रसार भारती के दिल्ली में निदेशक हैं। रमन कुमार अपनी प्रारंभिक शिक्षा कोई बड़े स्कूल या संस्थान से नहीं, बल्कि साधारण स्कूल एवं कॉलेज से शिक्षा प्राप्त कर सफलता के शिखर पर पहुंच गए।

रमन कुमार ने दसवीं की परीक्षा खगड़िया हाई स्कूल से पास किया।जबकि 12वीं बीएसएस कॉलेज सुपौल से शिक्षा प्राप्त की। वहीं 12वीं करने के बाद उनके पिता चाहते थे कि वह डॉक्टर बने जबकि रमन कुमार की रुचि इंजीनियरिंग क्षेत्र में अधिक थी। अंततः पिता को मनाने के बाद उन्होंने धारवाड़ विश्वविद्यालय से बीटेक की परीक्षा पास की। फिर उन्होंने आईआईएम बेंगलुरु से एमबीए किया।वही इंजीनियरिंग एवं एमबीए करने के बाद उन्हें निजी कंपनी में अच्छे जॉब का ऑफर भी मिला। लेकिन उनका लक्ष्य कुछ और था।

इन्होंने भारत की सबसे प्रतिष्ठित संस्थान यूपीएससी से ऑल इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज एक्जाम को प्रथम बार में ही सफलता प्राप्त कर लिया। उसके बाद उनकी पहली पोस्टिंग सूचना प्रसार विदेश मंत्रालय के उपसचिव पद पर हुआ। जहां से उन्होंने कई बार कई देशों में अपनी सेवा दिया। साथ ही भारत सरकार के द्वारा विश्व के कई देशों में मीडिया रिलेशनशिप के अध्ययन हेतु भेजा गया।अभी वह भारत सरकार के अंतरराष्ट्रीय रिलेशन प्रसार भारती दिल्ली मे निदेशक के पद पर कार्यरत हैं।

उनके बेहतर कार्य प्रदर्शन को देखते हुए एशिया के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय शारदा विश्वविद्यालय द्वारा नई दिल्ली में सम्मानित किया गया।

कुमार खगड़िया जिले के चौथम पिपरा गांव के मूल निवासी है। उनके पिता स्वर्गीय रामचंद्र प्रसाद कायस्थ टोला में आकर बस गये। उनकी सफलता पर जिले वासियों में हर्ष का माहौल है।साथ ही उनकी सफलता पर लोगों ने बधाई एवं शुभकामना दी है।

हिन्दुस्थान समाचार / अजय कुमार / गोविंद चौधरी