गंगा ग्लोबल इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज में मोटे अनाज के पैदावार पर सेमिनार
बेगूसराय, 29 नवम्बर (हि.स.)। मोटे अनाज के पैदावार को बढ़ावा देने को लेकर आज गंगा ग्लोबल इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज में सेमिनार आयोजित किया गया। जागरूकता सेमिनार में वक्ताओं ने कहा कि मोटा अनाज ना सिर्फ सेहत के लिए लाभकारी है। बल्कि बाजार में मांग बढ़ने के कारण इसके बेचने की कोई समस्या नहीं है।
इसलिए मोटा अनाज किसानों के लिए भी लाभकारी है। डॉ. सुधा झा की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में एमबीए के करीब 250 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। मुख्य वक्ता बिजनेस डेवलपर प्रो. संदीप भारती ने कहा कि मोटे अनाज की महत्ता से आमजन अभी भी अंजान हैं। जबकि मोटे अनाज को खाने से शरीर की इम्यूनिटी पावर बढ़ती है। एमबीए के छात्र -छात्राएं इसकी जानकारी लेकर मोटे अनाज के व्यापार को अपने कैरियर से जोड़ सकते हैं।
आज बड़ी-बड़ी कंपनियां मोटे अनाज के व्यापार से जुड़े हुए हैं। असिस्टेंट प्रो. अनुभा ने कहा कि मोटे अनाज में रागी (मड़ुआ), कोदो, जई, बाजरा, ज्वार, कंगनी, सनवा, कुटकी आदि शामिल हैं। दशकों पूर्व हमारे यहां के किसान इसकी खेती करते थे। लेकिन हाल के वर्षों में किसानों ने इसके खेती से मुंह मोड़ लिया है। जबकि यह फसल आमदनी को बढ़ाने में सहायक है। असिस्टेंट प्रोफेसर डोली ने कहा कि मोटे अनाज की मांग विदेशों में भी है।
इस कारण इसकी व्यापारिक महत्ता बढ़ गई है। देशी-विदेशी कंपनियां मोटे अनाज के व्यापार के क्षेत्र में आगे बढ़ चुकी है। एमबीए के छात्र-छात्राओं को समझने की जरूरत है कि वे अपने कैरियर को इस क्षेत्र में भी चुन सकते हैं। देशी-विदेशी कंपनियां एमबीए पास ऐसे युवाओं को खोज रही है। खासकर रूरल मैनेजमेंट के छात्र-छात्राओं को इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए।
अध्यक्षता कर रहीं प्राचार्य डॉ. सुधा ने कहा कि मोटे अनाज सेहत, व्यापार एवं किसानों तीनों के लिए लाभकारी और रोजगार देने वाला है। पीएम नरेंद्र मोदी ने मोटे अनाज के पैदावार को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की है, जो किसानों के लिए है। हमारे देश में अगर मोटे अनाज की पैदावार बढ़ती है तो विदेशी धन भी देश को मिलेगा। किसान और व्यवसायी को लाभ मिलेगा, युवाओं को रोजगार का अवसर भी प्रदान करेगा।
हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र/चंदा