विधान परिषद में राबड़ी देवी ने अलग मिथिला राज की वकालत की
पटना, 27 नवंबर (हि.स.)। बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और विधान परिषद में नेता विरोधी दल राबड़ी देवी ने शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन बुधवार को मैथिलि भाषियों के लिए अलग मिथिला राज्य बनाने की वकालत की।
भाजपा विधानपरिषद सदस्य हरी सहनी ने सदन में मिथिला क्षेत्र को केंद्र की मोदी सरकार से बड़ी सौगात मिलने की बात कही। उन्होंने कहा कि जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे तब मैथिलि भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया था। यह मिथिला और मैथिलि भाषियों को बहुत बड़ा सम्मान था। अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मिथिला को बड़ी सौगात दी है। मैथिलि में संविधान आया है। साथ ही इसके लोगों में मछली को जगह दी गई है। यह मिथिला का बड़ा सम्मान है। हरी सहनी ने इसे लेकर पीएम मोदी के प्रति धन्यवाद देने की बात कही।
इसी बीच नेता प्रतिपक्ष राबड़ी देवी ने अचानक से कहा कि अभी केंद्र और राज्य दोनों जगह आपकी सरकार है। मैथिली भाषियों को चाहिए कि वे अपने लिए अलग राज्य की मांग स्वीकृत करा लें। उन्होंने तंज भरे अंदाज में यह टिप्पणी की। हालांकि, सदन से बाहर निकलने के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए एक बार फिर से राबड़ी देवी ने इन्हीं बातों को दोहराया। उन्होंने कहा कि हमने कहा ही है कि मिलजुल कर मिथिला राज्य बना लेना चाहिए। राबड़ी ने अपनी बातों को दोहराते हुए केंद्र की मोदी, बिहार की नीतीश और भाजपा पर तंज कसा।
उल्लेखनीय है कि बिहार के दरभंगा, समस्तीपुर, बेगूसराय, मधुबनी, सुपौल, सहरसा, मधे्पुरा, पूर्णिया, कटिहार, सीतामढ़ी में बहुत बड़ी संख्या में मैथिलि भाषी लोग रहते हैं। उनकी कई वर्षों से अलग मिथिला राज्य बनाने की मांग की जाती रही है। इस बीच अब राबड़ी देवी के बयान से इनको बल मिलने की उम्मीद है।
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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद चौधरी