प्रेम एवं शांति का संदेश देने चंपारण से निकली कश्मीर सद्भावना यात्रा: राकेश

 






- एक भारत श्रेष्ठ भारत को परिलक्षित करना यात्रा का मुख्य उद्देश्य

- चंपारण की मिट्टी से कुपवाड़ा में लगाया जाएगा चंपा का पौधा

पूर्वी चंपारण,01नवंबर(हि.स.)।ब्रावो फाउंडेशन के मुख्य संरक्षक सह ब्रावो फार्मा के सीएमडी राकेश पांडेय ने बुधवार को बताया कि चंपारण-कश्मीर सद्भावना यात्रा प्रेम व शांति का संदेश देने निकली है। जिसका मुख्य उद्धेश्य एक भारत श्रेष्ठ भारत के भाव और प्रेम और भाईचारे को परिलक्षित करना है। उन्होने बताया कि कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद चंपारण से कश्मीर तक यह सद्भावना पहली यात्रा निकली है, जो वहां के लोगों को देश की आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाने वाली सत्याग्रह की भूमि चंपारण की ऐतिहासिकता से रुबरु कराएगी।

यात्रा में शामिल सभी श्रद्धालु वहां के धार्मिक स्थल व प्राचीन मंदिरों का दर्शन करेंगे और अपनी सनातन संस्कृति से रुबरु होंगे। उन्होने बताया कि मंगलवार को ब्रावो फाउंडेशन के तत्वाधान में चंपारण से कश्मीर के लिए सद्भावना यात्री रवाना हो चुके है।सभी यात्री अपने साथ चंपारण मिट्टी लेकर कश्मीर पहुंचेगे।श्रीनगर के कुपवाड़ा में चंपारण की इस मिट्टी से चंपा के पौधे लगाए जाएंगे।यात्रा में सौ से अधिक लोग शामिल हैं। जिन्हे पांच ग्रुप में विभक्त किया गया है। सभी ग्रुप में दो-दो कॉर्डिनेटर रखे गए हैं।

यात्रा में वीरेंद्र कुमार जालान, डॉ. दिलीप कुमार सिंह, ई. अजय कुमार आजाद, विनोद सिंह,कौशल किशोर सिंह, जय कुमार सिंह, सुदिष्ट नारायण ठाकुर,राजेश रंजन, जितेंद्र कुमार त्रिपाठी, अरुण कुमार सिंघला, सतीश कुमार टंडन, संदीप कुमार गिरि, आलोक कुमार मिश्रा, राजेश कुमार गुप्ता के अलावा बड़ी संख्या में चंपारण के विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि बापूधाम रेलवे स्टेशन से यह यात्रा दिल्ली के लिए रवाना हुई। वहां से सभी लोग प्लेन से कश्मीर जाएंगे। यात्रा में शामिल सभी लोगों के चेहरे पर खुशी के भाव थे। सभी ने फाउंडेशन की इस पहल सराहना की है।यात्रा मे सभी श्रद्धालु कश्मीर के प्राचीन धार्मिक स्थल व मंदिरों का भ्रमण व दर्शन करेंगे। इनमें शंकराचार्य मंदिर, खीर भवानी मंदिर, त्रेहगाम शिव मंदिर, मार्तंड सूर्य मंदिर व शारदापीठ-कोरीडोर शामिल हैं।उल्लेखनीय है,कि यात्रा में शामिल सभी श्रद्धालुओं को खान-पान, यात्रा भत्ता आदि सुविधाओं का खर्च का वहन ब्रावो फाउंडेशन कर रही है।

हिन्दुस्थान समाचार/आनंद प्रकाश/चंदा