रेलवे ओवर ब्रिज निर्माण को लेकर 16 दिसंबर को स्टेडियम में होगा एक दिवसीय धरना : किशोर कुमार

 


सहरसा,11 दिसंबर (हि.स.)।जाम की समस्या से निजात पाने के लिए बंगाली बाज़ार रेलवे ओवर ब्रिज निर्माण की मांग को लेकर नव निर्माण मंच के द्वारा आगामी 16 दिसंबर को स्टेडियम में एक दिवसीय धरना का आयोजन किया जा रहा है। इसका नेतृत्व पूर्व विधायक किशोर कुमार कर रहे हैं।जिन्होंने इस धरना की तैयारी को लेकर कहा कि बंगाली बाज़ार रेल फाटक लोगों की जिन्दगी के लिए आफत बन गया है।इसके लिए हम लगातार 3 दशकों से संघर्ष कर रहे हैं।मगर शासन प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है।इसलिए अब जनता को जागरूक होकर इसके लिए साथ आना होगा।

उन्होंने कहा कि विगत तीन दशक से शहर जाम की समस्या से त्राहिमाम है।जन सहयोग से इसके निदान हेतु कई आंदोलन हुए।मगर,केंद्र और राज्य सरकार की लुकाछिपी में रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण आज तक लंबित है। यह सहरसा की जनता के साथ क्रूर मजाक है। जो अब बर्दाश्त से बाहर हो गया है। बार-बार शिलान्यास टेंडर निकालकर रद्द करना नियति बन गई है।बंगाली बाजार रेलवे ओवरब्रिज की मांग सर्वप्रथम 1991 से हम लोगों ने की। सन 1996 में इसकी स्वीकृति और शिलान्यास हुआ। तत्कालीन रेल मंत्री स्वर्गीय रामबिलास पासवान जी थे।सन 2000 में फिर से इसका शिलान्यास किया गया। तब तत्कालीन रेल राज्य मंत्री स्वर्गीय दिग्विजय सिंह थे। 2005 में ही फिर से लालू प्रसाद यादव ने शिलान्यास किया।सन 2013 में अधीर रंजन चौधरी के द्वारा फिर से शिलान्यास किया गया।

उन्होंने कहा कि इसे दुर्भाग्य कहें या सहरसा की जनता के प्रति सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उदासीनता। ये लोग चार बार शिलान्यास के बाद भी इस ओवर ब्रिज का निर्माण नहीं करा सके।इन 27 सालों में केंद्र में 14 साल एनडीए 13 साल महागठबंधन तथा राज्य में 15 साल एनडीए तथा 12 साल महागठबंधन की सरकार को पूरे हो गए।लेकिन आज तक इस रेलवे ओवर ब्रिज का मामला फाइलों में ही पड़ा रह गया।आज पटना समेत राज्य के विभिन्न हिस्सों में कई आरओबी का निर्माण हुआ लेकिन दर्जनों वार निविदा निविदा के बावजूद रेल प्रशासन, नेशनल हाईवे, पुल निर्माण निगम तथा स्थानीय मंत्री सांसद व विधायक एक ओवर ब्रिज का 3 दशकों में भी नहीं करवा पाए। आलम यह है कि जनता इस ओवर ब्रिज के नहीं बनने से हलकान है और आए दिन जाम की समस्या से जूझती है। कई बार जाम में फंसकर लोगों की जान भी गई है।बंगाली बाजार, गंगजला चौक, पॉलिटेक्निक ढाला,सहरसा कचहरी ढाला, शिवपुरी ढाला और हटिया गाछी ढाला में भी ओवर ब्रिज की आवश्यकता है।

हिन्दुस्थान समाचार/अजय/चंदा