सांसद प्रतिनिधि अमरेन्द्र अमर ने सदर अस्पताल की व्यवस्था पर उठाए बड़े सवाल
बेगूसराय, 02 दिसम्बर (हि.स.)। मटिहानी के जदयू विधायक राजकुमार सिंह एवं बेगूसराय सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ. चंदन कुमार के बीच हुए विवाद को लेकर भाजपा नेता-सह-सांसद प्रतिनिधि अमरेन्द्र कुमार अमर ने बड़ा सवाल उठाया है। उन्होंने डीएम से प्रकरण की जांच एवं सदर अस्पताल का मॉनिटरिंग करने की मांग की है।
अमरेन्द्र कुमार अमर ने शनिवार को कहा है कि डाक्टर-जनप्रतिनिधि विवाद दुखद है लेकिन इसका कारण ढूंढने की आवश्यकता है, जिससे सदर अस्पताल की बड़ी खामियां तथा जानलेवा सच निकलकर सामने आएगा। सूबे का नंबर एक अस्पताल बिना अस्पताल अधीक्षक के ही चल रहा है। सिविल सर्जन अस्पताल अधीक्षक बने हुए हैं।
सिविल सर्जन एक चिकित्सक को प्रशासी पदाधिकारी बनाए हुए हैं, जो बिना अधिकार के पदासीन हैं। सदर अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर मरीजों का ईलाज करने के बदले अपने निजी क्लीनिक में रेफर करने में लगे रहते हैं। आकस्मिक दुर्घटना में लोग सदर अस्पताल आते हैं, फिर प्राईवेट क्लिनिक में भेज दिए जाते हैं, अस्पताल रेफरिंग सेंटर बनकर रह गया है।
उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल में जहां सम्पूर्ण जिले के गंभीर मरीजों को 24 घंटे भेजा जाता है, वहां रात में केवल एक डॉक्टर रहते हैं, जबकि कम से कम 12 डॉक्टर रहने चाहिए। विधायक राजकुमार सिंह से 29 नवम्बर को बहस करने वाले डॉ. चंदन कुमार पिछले छह दिनों से लगातार रात्रि ड्यूटी कर रहे थे। जबकि वे मात्र एमबीबीएस हैं तथा कोई विशेषता नहीं है।
अमरेन्द्र कुमार अमर ने कहा है कि बेगूसराय सदर अस्पताल में डॉक्टर के रोस्टर का पालन नहीं होता है तथा इसके संबंध में दिशा की बैठकों के अनुदेश का पालन नहीं होता है। नंबर-लन एक अस्पताल का तमगा लेने वाला यह सदर अस्पताल इतना नकारा क्यों बना हुआ है। इस विवाद में विधायक राजकुमार सिंह की भाषा शैली पर सवाल है, जिसे सार्वजनिक स्थानों पर उपयोग से बचना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर विधायक के कार्यशैली पर लोग प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं तो सवाल यह भी है कि यह परिस्थिति क्यों पैदा हुआ। डीएम सम्पूर्ण प्रकरण पर विचार कर सदर अस्पताल के डॉक्टरों के रोस्टर, उपस्थिति तथा कार्यशैली की मॉनिटरिंग करें। बेगूसराय के नागरिक सच खोज रहे हैं। पूरे प्रकरण का सच जनता के सामने आना चाहिए। जनता के सामने सदर अस्पताल के व्यवस्था का भी सच आनी चाहिए।
हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र/चंदा