दीपों की जगमगाहट के लिए कुम्हार गढ़ रहे हैं मिट्टी के दिये

 






पूर्णिया 5 नवंबर(हि. स.)। दीपो का त्योहार दीपावली आ रहा है । इसको लेकर पूर्णिया में कुम्हार जाति के लोग दिन-रात एक कर मिट्टी के दिये बना रहे है। पूर्णिया के कस्बा में करीब 20 ऐसे कुम्हार परिवार हैं जो मिट्टी के दिये और मिट्टी के बर्तन बनाकर अपना और परिवार का भरण पोषण करते हैं।

इन लोगों का कहना है कि दिये बनाने में काफी मेहनत लगता है लेकिन उसके अनुसार से आमदनी नहीं होती है । बाहर से आने वाले दिये और चैनीज दिये के कारण कुम्हार के बनाए दिये की बिक्री पर असर पर रहा है। हालांकि इन कुम्हार जातियों को आर्थिक रूप से सबल करने के लिए प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना शुरू की गई है जिसके तहत इन्हें अनुदान भी दिया जा रहा है। साथ ही कई लोगों को बिजली का चाक भी दिया गया है। ताकि कम मेहनत में यह अधिक से अधिक दिया और अन्य सामान बना सके।

दीये बनाने वाले कुम्हार देवेंद्र पंडित, बुजुर्ग कुम्हार राम कृष्ण पंडित और जगदीश पंडित ने बताया कि अगर उन्हें सरकार द्वारा मदद मिले तो उनकी भी आर्थिक स्थिति सुधरेगी। अभी काफी परिश्रम से वे लोग दिये बनाते हैं लेकिन बाजार में खरीदार उस तरह से नहीं मिलते हैं ।

बुजुर्ग रामकृष्ण पंडित ने कहा कि पहले मिट्टी सस्ता था। अब मिट्टी काफी महंगा मिल रहा है। अगर सरकार मदद करें तो उनके परिवार का भी पेट चल सकता है। वही कस्बा के नगर परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि गोपाल यादव ने कहा कि वे लोग नगर परिषद में प्रस्ताव लेकर इन कुम्हार को विश्वकर्मा योजना का लाभ दिलाएंगे । साथ ही सभी को इलेक्ट्रिक चाक उपलब्ध करवाया जाएगा ताकि उनकी स्थिति सुधरे। उन्होंने लोगों से भी अपील की कि वह मिट्टी के दीए जलाए। इससे वातावरण भी शुद्ध होता है और गरीबों का पेट भी भरता है ।

स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता बमबम साह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जब से अपील किया है तब से लोग भी जागरूक हुए हैं और मिट्टी के दिये ही अधिक जला रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर इन्हें प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का लाभ मिलता है तो उनकी आर्थिक स्थिति सुधरेगी।

हिंदुस्थान समाचार/नंदकिशोर/चंदा