मुजाहिद आलम के इस्तीफे के बाद भी किशनगंज में जदयू कमजोर नहीं: प्रो. बुलंद अख्तर हासमी
किशनगंज,20अप्रैल(हि.स.)। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के कद्दावर नेता, जिलाध्यक्ष एवं कोचाधामन के लोकप्रिय पूर्व विधायक मुजाहिद आलम के इस्तीफे के बाद जिले की सियासत में हलचल मच गई है। हालांकि जदयू के वरिष्ठ नेता प्रो. बुलंद अख्तर हासमी ने साफ कहा है कि मुजाहिद आलम के पार्टी छोड़ने से जदयू कमजोर नहीं हुई है। प्रो. हासमी ने कहा कि पार्टी के अधिकांश प्रखंड अध्यक्ष और प्रमुख नेता संगठन के साथ मजबूती से जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि पार्टी की जिला इकाई को लेकर प्रदेश नेतृत्व से बातचीत हो चुकी है और आगे की रणनीति पर दिशा-निर्देश का इंतजार है। उन्होंने भरोसा जताया कि जिले में जदयू की स्थिति को कमजोर नहीं होने दिया जाएगा। पूर्व विधायक मुजाहिद आलम के इस्तीफे की वजह पर बोलते हुए प्रो. हासमी ने बताया कि वे वक्फ संशोधन बिल के विरोध में पार्टी से नाराज चल रहे थे। उन्हें लगा कि पार्टी उनकी बातों को नजरअंदाज कर रही है, इसी वजह से उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला लिया। इधर पार्टी कार्यालय प्रभारी रियाज अहमद ने भी कहा कि संभवतः मुजाहिद आलम ने अपने समर्थकों के दबाव में आकर इस्तीफा दिया है, जबकि पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता जैसे नौसाद आलम, फिरोज अंजुम और प्रो. बुलंद अख्तर हासमी अभी भी संगठन के साथ मजबूती से डटे हुए हैं। जदयू के वरिष्ठ नेता कमाल अंजूम ने मुजाहिद के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, वृक्ष की एक डाली टूट जाने से पूरा वृक्ष नहीं गिरता। उन्होंने इसे एक भावनात्मक फैसला बताया। जदयू के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण जरूर है, लेकिन संगठन इसे एकजुटता के साथ पार करने की तैयारी में जुटा है।
हिन्दुस्थान समाचार / धर्मेन्द्र सिंह