8 मार्च शुक्रवार को सर्वार्थ सिद्ध योग मे होगा महाशिवरात्री का व्रत एवं पूजा : ज्योतिषाचार्य पंडित तरुण झा

 




सहरसा,05 मार्च (हि.स.)। कोसी क्षेत्र के चर्चित ज्योतिषाचार्य पंडित तरुण झा ने बताया कि हिन्दु पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव की पूजा करने के लिए इस दिन को सर्वोपरि माना जाता है।इस साल यह पर्व 8 मार्च शुक्रवार को होने जा रहा है।त्योहार सर्दियों के अंत का भी प्रतीक है और माना जाता है कि यह शिव और शक्ति के अभिसरण का भी दिन है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि महाशिवरात्रि को देवों के देव महादेव और जगत जननी माता पार्वती का विवाह हुआ था।अतः इस दिन का विशेष महत्व है।

ज्योतिषाचार्य पंडित तरुण झा बताते है की मिथिला विश्वविद्यालय पंचांग के अनुसार रात्री 07.50 तक़ त्रियोदशी है।उसके बाद रात्री 07.50 के बाद चतुर्दशी प्रारम्भ होगा। वैसे 07.26 से पहले शिव का पूजन-अर्चन प्रारम्भ कर ले तो बेहतर होगा। तत्पश्चात गौड़ीशंकर विवाह उत्सव मनाया जाना चाहिए।शिवरात्रि को जन्म जन्मांतर तक भ्रमित जीव मात्र को शिव आराधना-पूजा से भय एवं शोक से मुक्ति मिलती है।

''जन्तुजन्म सहस्रेषु भ्रमन्ते नात्र संशय:''

बाबा को पुष्प, बिल्वपत्र,भाँग,धतूरा,एवं दूध से जरूर स्नान करवाये। संभव हो तो इस दिन रुद्राभिषेक भी करवाये।इसका फल अन्य दिनों की अपेक्षा काफ़ी ज्यादा फलदाई होता है।

हिन्दुस्थान समाचार/अजय/चंदा