महानंदा बेसिन फेज 2 के एलाइनमेंट में बदलाव को लेकर पूर्व विधायक ने विभागीय मंत्री को सौंपा मांग पत्र

 




किशनगंज,08अगस्त(हि.स.)। महानन्दा बेसिन परियोजना के अन्तर्गत महानन्दा बेसिन फेज-02 के तेहत नागर, महानन्दा एवं रतवा नदी के दोनों ओर 199.5 किलोमीटर तटबंध बांध का निर्माण किया जाना है। जिसका टेंडर भी हो चुका है और बांध निर्माण हेतु भू-अर्जन की कार्रवाई की जा रही है। परन्तु बांध के एलाइनमेंट को लेकर स्थानीय लोगों में नाराज़गी है। क्योंकि कहीं पर बांध का एलाइनमेंट नदी से दो किलोमीटर दूर है तो कहीं एलाइनमेंट 20 मीटर दूर है जिस कारण बहुत सारे गांवों बांध के एलाइनमेंट के अन्दर आ जाते हैं।

ऐसे में बाढ़ के समय उक्त गांवों के जलमग्न होने का खतरा है। ग्रामीण इसी को लेकर विरोध कर रहे हैं। उक्त समस्या के समाधान हेतु कोचाधामन के लोकप्रिय पूर्व विधायक सह जदयू जिलाध्यक्ष मुजाहिद आलम ने विभागीय मंत्री विजय कुमार चौधरी से उनके कार्यालय में भेंटकर मांग पत्र सौंपा है। मंत्री ने बताया कि उक्त समस्या के समाधान हेतु जल्द ही एक उच्च स्तरीय तकनीकी टीम स्थल निरीक्षण कर उक्त समस्या के समाधान हेतु अपनी राय देगा। तदोपरांत विभाग ग्रामीणों की आशंकाओं को दूर करने का प्रयास करेगी।

महानन्दा बेसिन परियोजना ही सीमांचल में नदी कटाव एवं बाढ़ से बचाव का स्थायी समाधान है। कुल पांच फेज में ये काम पूरा होना है। फेज-01 का काम पूरा हो चुका है और फेज-02 का टेंडर हो चुका है। इसके अतिरिक्त पूर्व विधायक ने जल संसाधन विभाग के मंत्री से मधुबनी जिले के अररिया संग्राम में निर्मित 'मिथिला हाट' के तर्ज पर जिले के कोचाधामन प्रखंड में शीतल नगर झील या डेरामारी झील को सुरजापुरी हाट के तर्ज पर विकसित करने की मांग की है। ताकि जिले में टूरिज्म को बढ़ावा मिले।

हिन्दुस्थान समाचार / धर्मेन्द्र सिंह / गोविंद चौधरी