कुपोषित बच्चों के लिए वरदान बना पोषण पुनर्वास केंद्र
बेतिया, 29 जून (हि.स.)। पश्चिम चंपारण जिला के गंभीर कुपोषित बच्चों के लिए नरकटियागंज ब्लॉक स्थित अनुमण्डलीय अस्पताल कैंपस में 20 बेड वाला पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) कुपोषित बच्चों को नई जिंदगी देने में अहम भूमिका निभा रहा है। नरकटियागंज का पोषण पुनर्वास केंद्र कुपोषित बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है।
यहां कुपोषित बच्चे को निःशुल्क भोजन, दवा इलाज के साथ उसके मां को पोषण पुनर्वास केंद्र में रहने वाले बच्चों के साथ पूरे दिन का भोजन निशुल्क रूप से जीविका दीदी की रसोई से उपलब्ध कराया जाता है। रहने खाने की व्यवस्था के साथ ही प्रतिदिन 100 रुपये दैनिक भत्ता दी जाती है, वहीं आशा कर्मियों को पोषण पुनर्वास केंद्र में प्रति अतिकुपोषित बच्चों को रेफर करने पर प्रोत्साहन राशि के रूप में कुल 250 रुपये अश्विन पोर्टल के माध्यम से दी जाती है।
एनआरसी के नोडल सह जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीसी अमित कुमार ने बताया की आंगनबाड़ी केंद्रों पर आने वाले बच्चों, स्वास्थ्य केंद्रों पर इलाज हेतु आने वाले बच्चों या आशा के द्वारा घर जाकर कमजोर, कुपोषित बच्चों की पहचान की जाती है उन्हें सुपोषित करने के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराया जाता है। ऐसे बच्चों की पहचान के लिए लोगों को जागरूक किया जाता है। इनमें आईसीडीएस से सहयोग लिया जाता है। कुपोषित बच्चों को एनआरसी में रखकर इलाज व स्पेशल डाइट तैयार की जाती है। जिसमें सही मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन, खनिज तत्व युक्त भोजन दिए जाते हैं। बच्चे मुख्यतः शिशु रोग विशेषज्ञ की देखरेख में रहते हैं।
उन्होंने बताया की वित्तीय वर्ष 2023- 24 में कुल नामांकित 89 बच्चे एनआरसी में भर्ती किए गए, जिनमें बेतिया 3, पिपरासी 5, नौतन 1, बैरिया 5, भितहा 2, लौरिया 3, मैनाटांड 11, सिकटा 2, योगापट्टी 3, नरकटियागंज 42, गौनाहा 6, रामनगर 4 और बगहा से 2 बच्चे आए जिनकी चिकित्सा शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ प्रदीप शरण, नोडल पदाधिकारी डा. मणिकांत कुमार, स्टाफ नर्स विजय प्रताप सिंह, राहुल सिंह राजपुरोहित, आकाश कुमार तिवारी, फीडिंग डेमोंस्ट्रेटर/न्यूट्रीशन काउंसलर द्वारा की गईं।
नरकटियागंज प्रखंड निवासी कविता कुमारी ने बताया की मेरी 02 वर्ष की पुत्री ख़ुशी कुमारी का वजन काफ़ी कम था, देखने में काफ़ी कमजोर थीं। अति कुपोषित होने के बाद उसे नरकटियागंज स्थित एनआरसी में भर्ती कराया। 15 दिनों के इलाज के बाद काफ़ी सुधार हुआ। खुशी 03 मई 24 को भर्ती हुई उस समय उसका वजन 6.100 किलो था, वहीं उसके 18 मई 24 को डिस्चार्ज के समय वजन 7.150 किलो का हो गया। अब वो अच्छे से खाना खाती है।
झरझरी वार्ड नंबर 15 मैनाटांड़ के छट्टू मांझी ने बताया की मेरा बेटा संदीप कुमार जन्म के साथ ही काफ़ी कमजोर था, इसलिए डॉ से दिखाया तब उन्होंने एनआरसी में भर्ती कराने को कहा तब फीडिंग डेमोंस्ट्रेटर/न्यूट्रीशन काउंसलर आकाश तिवारी से मिलें उनके निर्देशन में बच्चे को भर्ती कराया उस समय वजन 6.400 किलोग्राम का था, वहीं इलाज के बाद डिस्चार्ज के समय वजन 7.550 किलो का हो गया। वह अपनी मां का स्तनपान भी ठीक से नहीं करता था, अब बच्चा पूरी तरह स्वस्थ है।
न्यूट्रीशन काउंसलर आकाश तिवारी ने बताया की कुपोषण के शिकार वैसे बच्चों जो 6 महीने से कम उम्र के है, शिशु जो स्तनपान करने में बहुत कमज़ोर है या जिन्हे माँ का पर्याप्त दूध नहीं मिलता उन्हें पता लगाकर पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराया जाता है, जहां उचित देखभाल और पौष्टिक आहार के माध्यम से कुपोषण को दूर करने का प्रयास किया जाता है।
हिन्दुस्थान समाचार/अमानुल हक /गोविन्द