कटिहार जिले में जल-गुणवत्ता पर विशेष जांच की आवश्यकता : तारिक अनवर

 


कटिहार, 05 दिसंबर (हि.स.)। सांसद तारिक अनवर द्वारा शुक्रवार को लोकसभा में पूछे गए प्रश्न के जवाब में सरकार ने स्वीकार किया कि कटिहार में रासायनिक और उर्वरक इकाइयों से होने वाले भूजल व भूमि प्रदूषण पर कोई विशेष अध्ययन नहीं किया गया है।

रिपोर्ट में जिले के कुछ क्षेत्रों में नाइट्रेट की मात्रा सीमा से अधिक पाई गई है, जो चिंता का विषय है। सरकार का जवाब साफ दिखाता है कि कटिहार जैसे संवेदनशील क्षेत्र की जल-गुणवत्ता पर ठोस ध्यान और विशेष जांच की आवश्यकता है।

कटिहार जिला कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता पंकज कुमार तमाखुवाला ने बताया कि तारिक अनवर लोकसभा में इस मुद्दे को लगातार उठाते रहेंगे, ताकि कटिहार के आम आवाम को भूजल और भूमि प्रदूषण से मुक्ति दिलाया जा सके।

लोकसभा में रसायन और उर्वरक मंत्री अनुप्रिया पटेल ने अतारांकित प्रश्न संख्या 1040 का उत्तर देते हुए बताया कि बिहार के कटिहार क्षेत्र में रासायनिक और उर्वरक इकाइयों के कारण भूजल और भूमि प्रदूषण पर कोई विशिष्ट अध्ययन नहीं किया गया है।

हालांकि, केंद्रीय भूजल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) ने वार्षिक भूजल गुणवत्ता रिपोर्ट-2025 जारी की है, जिसके अनुसार कटिहार जिले में 10 स्थानों पर बुनियादी भौतिक-रासायनिक मापदंडों के लिए भूजल गुणवत्ता की निगरानी की गई थी। रिपोर्ट में बताया गया है कि स्थानीयकृत नाइट्रेट संदूषण तीन स्थानों (30%) पर देखा गया था, जहां नाइट्रेट सांद्रता बीआईएस की स्वीकार्य सीमा 45 मिलीग्राम प्रति लीटर से अधिक थी।

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हिन्दुस्थान समाचार / विनोद सिंह