बरौनी रिफाइनरी ने निक्षय पोषण योजना के तहत बांटा पौष्टिक आहार सामग्री
बेगूसराय, 28 अक्टूबर (हि.स.)। केन्द्र सरकार के ''प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान'' के तहत बरौनी रिफाइनरी द्वारा समय-समय पर जागरूकता अभियान एवं टीबी से संक्रमित लोगों के बेहतरी के लिए कार्यक्रम किए जाते रहे हैं। इसी कड़ी में आज बरौनी रिफाइनरी द्वारा बेगूसराय के टीबी से संक्रमित मरीजों को निक्षय पोषण योजना के तहत पौष्टिक आहार सामग्री वितरित किया गया।
संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों के अनुसार सभी देशों ने 2030 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य तय किया है। लेकिन केन्द्र सरकार ने 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा है। इस संकल्प को पूरा करने के लिए प्रत्येक स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी प्रयास के तहत बरौनी रिफाइनरी ने ''प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान'' योजना के तहत सामुदायिक सहायता की एक पहल की है।
इसमें बेगूसराय के 15 सौ टीबी मरीजों को निक्षय पोषण किट वितरित किए गए। यह किट पूरे बेगूसराय के सभी टीबी केन्द्रों पर एक साथ बांटे गए हैं। मुख्य कार्यक्रम बरौनी रिफाइनरी टाउनशिप के जुबली हॉल में आयोजित किया गया। शेष 17 टीबी केन्द्रों से सभी मरीज एवं टीबी उन्मूलन की टीम ऑनलाइन माध्यम से इस कार्यक्रम में जुड़े और निक्षय पोषण किट वितरित किए गए।
निक्षय पोषण किट प्रतिमाह अगले छह माह तक दिए जाएंगे। बरौनी रिफाइनरी नौ हजार निक्षय पोषण किट वितरित करेगी, इस पर करीब 50 लाख रुपये खर्च होगा। कार्यक्रम का उद्घाटन कार्यपालक निदेशक एवं बरौनी रिफाइनरी प्रमुख आर.के. झा ने कार्यपालक निदेशक (तकनीकी) सत्य प्रकाश, मुख्य महाप्रबंधक (परियोजना) जी.आर.के. मूर्ति एवं बीटीएमयू के प्रतिनिधि सहित अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कार्यपालक निदेशक एवं रिफाइनरी प्रमुख आर.के. झा ने कहा कि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान को उच्च प्राथमिकता देना तथा इस अभियान को जन-आंदोलन बनाना सभी नागरिकों का कर्तव्य है। क्योंकि टीबी हमारे देश में अन्य सभी संक्रामक बीमारियों से सबसे अधिक मृत्यु का कारण है। विश्व के कुल टीबी मरीजों की संख्या का 25 प्रतिशत से अधिक संख्या भारत में है, यह बड़ी चिंता की बात है।
उन्होंने कहा कि टीबी रोग से ग्रसित अधिकतर लोग समाज के गरीब वर्ग के हैं। आज 15 सौ टीबी मरीजों को निक्षय पोषण किट देने का यह प्रयास हमारे कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व के तहत किया जा रहा है। इस पहल में बेगूसराय के टीबी सेंटर का पूरा सहयोग मिला है। टीबी मुक्त भारत अभियान को जन-आंदोलन बनाने के लिए लोगों में टीबी के संबंध में जागरूकता पैदा करना होगा। उन्हें बताना होगा कि इस बीमारी की रोकथाम संभव है।
इसका इलाज प्रभावी और सुलभ है तथा सरकार इस बीमारी की रोकथाम एवं उपचार के लिए निःशुल्क सुविधा प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि कुछ रोगियों और समुदायों में इस बीमारी को लेकर हीन भावना है, लोग इस बीमारी को कलंक के रूप में देखते हैं। यह भ्रम दूर करना होगा। इलाज से इस बीमारी से जरूर छुटकारा मिल सकता है। यह बातें सभी लोगों तक पहुंचनी चाहिए, तभी टीबी से प्रभावित लोग इलाज की सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगें।
हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र/चंदा