बिहार के पूर्णिया में भी इंडिगो की उड़ानें ठप, यात्रियों का धैर्य टूटा
पूर्णिया, 6 दिसंबर (हि.स.)।
पूर्णिया एयरपोर्ट पर शनिवार को यात्रियों को भारी अव्यवस्था और परेशानियों का सामना करना पड़ा। इंडिगो की उड़ानों के अचानक और लगातार कैंसिल होते रहने से यात्रियों में आक्रोश फैल गया।
सुबह से शाम तक यात्री एयरपोर्ट पर फ्लाइट के अपडेट का इंतजार करते रहे, लेकिन एयरलाइन की ओर से कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई। कई यात्रियों ने कहा कि उन्हें उड़ान रद्द होने की सूचना तक आधिकारिक तौर पर नहीं मिली। स्थिति यह रही कि कई लोग दिल्ली, बेंगलुरु और कोलकाता में होने वाली महत्वपूर्ण मीटिंग, परीक्षाओं, अस्पताल अपॉइंटमेंट और पारिवारिक कार्यक्रमों में नहीं पहुँच सके। यात्रियों का कहना है कि उनका आर्थिक नुकसान 5 से 10 गुना तक हो चुका है, जबकि समय और मानसिक तनाव की भरपाई भी संभव नहीं है।
सरकार सक्रिय, उड्डयन मंत्रालय का अल्टीमेटम
इंडिगो की तकनीकी और संचालन संबंधी समस्या देशभर को प्रभावित कर रही है। भारतीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा है कि रविवार रात 8 बजे तक सभी यात्रियों को उनके टिकट का पूरा पैसा वापस कर दिया जाए, अन्यथा एयरलाइन पर कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी। इस फैसले के बाद यात्रियों की नाराज़गी में थोड़ी कमी तो आई है, लेकिन लोग अब भी इस बात से खफा हैं कि एयरलाइन ने इतने बड़े संकट में यात्रियों को बेबस छोड़ दिया।
दिल्ली से पूर्णिया पहुंचे अररिया सांसद प्रदीप सिंह ने कहा कि इंडिगो की समस्या पूरे देश में एक साथ उत्पन्न हुई है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने तात्कालिक कार्रवाई करते हुए एयरलाइन को स्थिति सुधारने और यात्रियों की राशि लौटाने का आदेश दिया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने भी मामले का संज्ञान लिया है और यात्रियों के हितों से समझौता नहीं होने दिया जाएगा।
दूसरी ओर बंगाल के एक विधायक द्वारा बाबरी मस्जिद को लेकर दिए गए बयान पर भी राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सांसद प्रदीप सिंह ने कहा कि भारत में बाबर या हुमायूं की कोई आवश्यकता नहीं है। यह देश हजारों वर्षों की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है, यहाँ विदेशी आक्रांताओं की विचारधारा के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने इसे “राजनीतिक स्टंट” करार देते हुए कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण देश की न्यायिक प्रक्रिया और जनभावना के अनुरूप हुआ है। ऐसे बयान समाज में अनावश्यक विवाद और भ्रम फैलाने की कोशिश हैं, जिन पर सरकार पूरी नजर बनाए हुए है।
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हिन्दुस्थान समाचार / नंदकिशोर सिंह