महागठबंधन सरकार ने जातीय जनगणना में घोटाला कर भ्रष्टाचार का बनाया नया कीर्तिमान : पवन जायसवाल
सहरसा,23 नवंबर (हि.स.)।राज्य सरकार द्वारा जातीय जनगणना में साजिश के तहत वैश्य समाज के सभी 56 उप जातियों की संख्या को घटाकर प्रकाशित किए जाने के विरूद्ध पांच सूत्री मांगों को लेकर अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन बिहार प्रदेश के आह्वान पर राज्य के सभी प्रमंडलों में अलग-अलग तिथि को एक दिवसीय धरना देने का कार्यक्रम पूर्व से निर्धारित है।
इसी कड़ी में गुरुवार को कोशी प्रमंडल स्तरीय एक दिवसीय धरना का आयोजन कोशी प्रमंडलीय अध्यक्ष रितेश रंजन की अध्यक्षता तथा बजरंग गुप्ता जिलाध्यक्ष के संचालन में स्टेडियम के सामने में आयोजित किया गया। जिसमे निम्न पॉंच सूत्री मांगो का ज्ञापन ज़िला पदाधिकारी को देते हुए राज्य सरकार को भेजा गया।जिसके अंतर्गत बिहार सरकार द्वारा प्रकाशित जातीय जनगणना में वैश्य समाज के सभी 56 उपजातियों कि संख्या को साजिश के तहत घटाकर किए गए त्रृटिपूर्ण प्रकाशन को सुधार करने,वैश्य समाज के सभी 56 उप जातीयों के जातीय जनगणना का एकीकृत प्रकाशन करने,राज्य में जातीय जनगणना में वैश्य समाज की आबादी को साजिश के तहत घटाने के दोषी पदाधिकारी एवं साजिश में शामिल नेताओं के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करने, राज्य में जातीय जनगणना से वंचित परिवारों के लिए प्रखंडवार टॉल फ्री नंबर जारी कर वंचित परिवारों का जातीय जनगणना करने तथा राज्य में जातिय जनगणना का प्रकाशन पंचायत या वार्ड स्तर पर जारी करने की मांग शामिल है।
धरना को सम्बोधित करते हुए अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन के प्रदेश अध्यक्ष सह विधायक पवन जायसवाल ने कहा कि आज जिस तरह से बिहार में जातीय जनगणना रिपोर्ट जारी होने के बाद अधिकांश जातियों द्वारा अपनी संख्या को लेकर सवाल खड़ा किया जा रहा है। जो स्पष्ट दर्शाता है की राज्य सरकार महागठबंधन समर्थित कुछ जातीयों की संख्या में वृद्धि तथा राज्य सरकार के विरोधी मानसिकता वाली जातियों की संख्या में अप्रत्याशित कमी की गई है।
सैकड़ो घोटालों में कीर्तिमान स्थापित करने वाली महागठबंधन सरकार ने जातीय जनगणना में घोटाला कर भ्रष्टाचार एवं द्वेषपूर्ण कार्य पद्धति में एक नया इतिहास बनाया है।श्री जायसवाल ने कहा की अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन बिहार का 5 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने महामहिम राज्यपाल से मिल कर राज्य सरकार द्वारा जातीय जनगणना में साजिश के तहत वैश्य समाज के सभी 56 उप जातियों की संख्या को घटाकर प्रकाशित किए जाने के विरुद्ध अपनी पांच सूत्री मांगो का ज्ञापन विगत दिनों सौंपा गया था।
हिन्दुस्थान समाचार/अजय
/चंदा