फारबिसगंज में सजने लगी जुआरियों की महफिल,दूसरे शहर से भी जुआ खेलने पहुंच रहे जुआरी

 


अररिया 08नवंबर(हि.स.)। फारबिसगंज में पटाखा कारोबारियों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई के इतर जुआरियों की महफिल सजने लगी है।शहर के आधा दर्जन स्थानों पर जुआ के अड्डे पर जुआरियों का जमावड़ा शाम से ही लगना शुरू हो जाता है।जुआरियों का यह जमावड़ा जुआ वाले स्थान पर देर रात तक रहता है।जहां जुआ की महफिल सजी होती है।

शहर के धनाढ्य के साथ स्थानीय कारोबारी ही न केवल जुआ के अड्डे पर जमा होते हैं,बल्कि दूसरे शहर के भी कारोबारी जुआ खेलने फारबिसगंज और जोगबनी पहुंचने लगे हैं।जुआरियों के जमात में नेपाल के भी कई नामचीन कारोबारी सम्मिलित हो रहे हैं।जुआ के इन अड्डों पर जुआरियों के लिए हरेक चीज का प्रबंध होता है।रिफ्रेशमेंट के लिए चाय, कॉफी,नाश्ता सहित अन्य व्यवस्था अड्डा संचालक के द्वारा की जाती है।इतना ही नहीं बिहार में नशाबंदी के बावजूद शराब के शौकीनों के लिए अड्डा पर शराब परोसे जाने की भी बात कही जा रही है।सुविधा के नाम पर जुआ खेल के प्रत्येक बोर्ड में जुआरियों की ओर से संचालक के लिए कमीशन के तौर पर कमीशन स्थानीय भाषा में कट्टा काटा जाता है।प्रत्येक खेल के बोर्ड से वह निर्धारित राशि अड्डा संचालक को दे दी जाती है।शहर के कई गोला और घरों में आयोजित जुआ के खेल के कारण होने वाले शोरगुल से अगल बगल के लोग परेशान हो रहे हैं लेकिन अड्डा संचालक और जुआरियों की दबंगता के कारण कोई मुंह खोलने से परहेज कर लेते हैं।शाम होने के बाद से ही शहर के कई दुकानों के बाहर और सार्वजनिक स्थानों पर जुआरियों का जमावड़ा होने लगता है और रात होने का इंतजार किया जाता है।जिसके बाद एक एक कर जुआरी अड्डा पर पहुंचते हैं और जुआ की महफिल सजाई जाती है।

दीपावली के समय जुआ खेलने की संस्कृति कोई नया नहीं है।फारबिसगंज और जोगबनी शहर में पिछले दो दशक में कई बार जुआ के अड्डे पर छापेमारी में पकड़ाए गए पैसे और जुआरियों की गिरफ्तारी जुआ के बड़े पैमाने पर होने वाले खेल का भंडाफोड़ कर चुकी है।पूर्व में तत्कालीन एसपी शिवदीप वामनराव लांडे, एच एन देवा,विजय कुमार,वर्मा,विनोद कुमार,पारसनाथ,उमाशंकर सुधांशु के समय हुए छापेमारी में इसका भंडाफोड़ किया गया था।जिसमे लाखों रुपए की बरामदगी के साथ ही दूर दराज क्षेत्र से जुआ खेलने पहुंचे जुआरी की गिरफ्तारी की गई थी। जुआ खेलने के क्रम में संवेदक,कारोबारी सहित नेताओं तक की गिरफ्तारी पूर्व में हो चुकी है।फारबिसगंज और जोगबनी जुआ और जुआरियों के लिए विख्यात रहा है।माफियानुमा और कई सफेद कॉलर वाले इस तरह के कारनामे को अंजाम देते रहे हैं।ऐसे में फारबिसगंज में चल रहे जुआ के खेल को लगाम लगा पाने की दिशा में प्रशासन किस तरह की कार्रवाई करती है,सबों की नजर अररिया एसपी समेत पुलिस अधिकारी पर टिकी है।

हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/चंदा