विकास के नाम पर सरकारी राशियों का बंदरबांट,सरकारी कर्मी से लेकर जनप्रतिनिधि तक लूट में शामिल

 














अररिया, 25 जून(हि.स.)।फारबिसगंज के ग्रामीण इलाकों में हो रहे विकास कार्यों में जमकर लूट मची हुई है।प्राक्कलन के विपरीत ऐन केन प्रकारेन किसी तरह योजनाओं को पूरा कर राशि का बंदरबांट कर दिया जाता है। सरकारी राशि के इस बंदरबांट में सरकारी कर्मचारी से लेकर जनप्रतिनिधि तक शामिल रहते हैं। इतना ही नहीं सरकारी राशि को लूटने वाले जनप्रतिनिधि और कर्मचारी नियम के बावजूद योजनाओं को लेकर बोर्ड तक लगाना उचित नहीं समझते हैं।

ताजातरीन मामला है फारबिसगंज प्रखंड क्षेत्र के मध्य विद्यालय कन्या डाक हरिपुर का।जहां पंचायती राज विभाग की ओर से स्कूल में साढ़े पांच लाख रूपये की लागत से पेवर्स ब्लॉक लगाया जाना था।साढ़े पांच लाख की प्राक्कलित राशि से योजना मध्य विद्यालय कन्या डाक हरिपुर में पेवर्स ब्लॉक लगाना था।डाक हरिपुर पंचायत के वार्ड संख्या 15 स्थित इस विद्यालय में योजना के तहत पेवर्स ब्लॉक लगाने से पहले नीचे में ईंट सोलिंग का कार्य करवाकर पेवर्स ब्लॉक को लगाया जाना था। प्रखंड प्रमुख ओमप्रकाश पासवान के सौजन्य से योजना स्कूल में लाई गई थी लेकिन न तो कार्य के दौरान और न ही कार्य के पूरा होने के कगार तक में किसी तरह का कोई निर्देशन बोर्ड लगाना उचित नहीं समझा गया।इन सबके बीच पेवर्स ब्लॉक भी स्कूल परिसर में लगा दिया गया।लेकिन शिक्षा के मंदिर को भी अपनी लूट की योजना में शामिल कर रखे सरकारी कर्मियों और जनप्रतिनिधियों ने बिना ईंट सोलिंग के हो पेवर्स ब्लॉक को बिछा दिया गया और सरकारी राशि का आपस में बंदरबांट कर लिया गया।

मामले को लेकर जब प्रखंड प्रमुख ओमप्रकाश पासवान से बात की गई तो उन्होंने योजना को पूरा कर लिए जाने की बात कही और कहा कि इस्टीमेट के आधार पर काम कराए जाने का दावा किया।वहीं पेवर्स ब्लॉक से पहले ईंट सोलिंग किए जाने पर ध्यान आकृष्ट कराया गया तो उन्होंने कहा कि जैसा प्राक्कलन में था,वैसा काम किया गया है।लेकिन वहीं जब विभाग के कनीय अभियंता चंदन कुमार से बात की गई तो उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि यह योजना साढ़े पांच लाख की है और प्राक्कलन के मुताबिक स्कूल परिसर और बाहर दोनों जगह ईंट सोलिंग कर ऊपर से पेवर्स ब्लॉक लगाया जाना है। जेई चंदन कुमार ने बातचीत में माना कि स्कूल परिसर में पेवर्स ब्लॉक के नीचे ईंट सोलिंग नहीं की गई है।जबकि यह प्राक्कलन के अनुसार किया जाना जरूरी है।जब उनका ध्यान आकृष्ट कराया गया तो जेई ने कहा कि जितना काम किया गया है,उतना ही पेमेंट किया जाएगा, लेकिन यहां सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या प्राक्कलन के साथ छेड़छाड़ कर अपने मुताबिक काम किया जा सकता है।यदि कर भी लिया गया है तो जेई का यह कहना जितना हुआ है,उतना पेमेंट होगा,कितना तार्किक है।आखिर विकास के नाम पर मची लूट खसोट पर निगरानी की जिम्मेवारी किसकी है।बहरहाल यह कोई एक मामला नहीं है,ऐसे पंचायती राज विभाग के योजनाओं की जांच की जाय तो भारी लूट का मामला सामने आयेगा।विभाग के साथ साथ सरकारी स्तर पर इन योजनाओं का सामाजिक अंकेक्षण जरूरी है।

हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/चंदा