अररिया जिले में खेत के बीच में पुल बनाने के मामले में डीएम ने दिए जांच के आदेश

 


फारबिसगंज/ अररिया, 06 अगस्त (हि.स.)। अररिया जिले में खेत के बीच में पुल बनाने के मामले में अब अररिया डीएम इनायत खान ने जांच के आदेश दे दिए हैं। कुछ मीडिया में दिखाई गई रिपोर्ट पर जिलाधिकारी इनायत खान ने कठोर एक्शन लिया है। मंगलावर को डीएम ने कहा, 'विशेषज्ञों की एक टीम उस स्थल का दौरा कर रही है जहां पुल बनाया गया है और पुल को बनाने की व्यवहारिकता की जांच करेगी।

डीएम ने कहा कि विशेषज्ञों की टीम से जांच रिपोर्ट मांगा गया है और दोषी पाए जाने पर अधिकारियों और इंजीनियरों पर कार्रवाई भी की जाएगी। इलाके के लोगों का कहना है कि लोगों का कहना है की पुल के दोनों ओर सड़क बनेगी भी या नहीं इसको लेकर भी गांव के लोगों में संशय की स्थिति है। गांव के रहने वाले कृत्यानंद मडल, पप्पू मंडल समेत गांव के अन्य लोगों ने बताया कि खेत के बीचों-बीच यह पुल करीब 6 महीने से बना हुआ है। सबसे बड़ी दिलचस्प बात यह भी कि यह पुल किस उद्देश्य से बनाया गया है इसका भी जिक्र यहां नहीं किया गया है। पुल बनाने की वजह को लेकर कोई बोर्ड इत्यादि भी यहां नहीं लगाया गया है। मुश्किल यह है कि इस पुल के बन जाने से गांव के लोगों का रास्ता ही बाधित हो गया और परेशानी खड़ी कर दी है।

इस गांव के लोगों का कहना है कि जब इस पुल का निर्माण नहीं हुआ था तब वो इसी रास्ते से होकर धार के उस पार जाते थे। लेकिन यह पुल बन जाने से उनका रास्ता भी बाधित हो गया है। ग्रामीण निर्माण विभाग (आरडब्लूडी) के द्वारा इस पुल का निर्माण 6 महीने पूर्व अररिया जिले के रानीगंज के परमानंदपुर गांव में किया गया था। बताया जा रहा है की जब से यह पुल बना है तब से इसका कोई इस्तेमाल नहीं है और यहां रोड कनेक्टिविटी भी नहीं है। इस पुल के साथ करीब 3.2 किलोमीटर लंबी सड़क को बनना था लेकिन पुल तो बन गया लेकिन यहां सड़क का कोई अता-पता नहीं है। ग्रामीण निर्माण विभाग के असिस्टेंट इंजीनियर मनोज कुमार ने कहा, 'दरअसल यह पुल नहीं है। यह एक बॉक्स कलवर्ट है जिसका इस्तेमाल नीचे जलमार्गों को बनाए रखने के लिए किया जाता है।

इसका निर्माण मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत किया गया था। इस बॉक्स कलवर्ट के साथ परमानंदपुर लक्ष्मीथान और कोपारी बॉर्डर के बीच 3.2 किलोमीटर लंबा पुल बनना था। वही, उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ गांव वालों ने कॉन्ट्रैक्टर से पैसे मांगे थे लेकिन जब उसने पैसे देने से इनकार कर दिया तब उन्होंने यह इस मनगढ़ंत तस्वीर को सोशल मीडिया पर डाल दिया। उन्होंने दावा किया कि इस बॉक्स कलवर्ट के एक बार सड़क से जुड़ जाने पर दो गांवों में रहने वाले करीब 1500 लोगों को सुविधा मिलेगी। इस पुल और सड़क पर कुल लागत करीब 3 करोड़ रुपये है। उन्होंने यह भी माना है कि 200 मीटर सड़क एक निजी जमीन है और इसी वजह से बॉक्स कलवर्ट के साथ कनेक्टिविटी की समस्या है। जब 200 मीटर लंबी सड़क का विवाद खत्म हो जाएगा तब इस पुल को रोड से जोड़ दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमने जमीन के विवाद को खत्म करने का प्रयास शुरू कर दिया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / Prince Kumar / गोविंद चौधरी