जिला स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी समिति की बैठक में जिलाधिकारी ने की कार्यों की समीक्षा
सारण, 26 दिसंबर (हि.स.)। छपरा जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव की अध्यक्षता में शुक्रवार को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत जिला स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी समिति की महत्वपूर्ण बैठक समाहरणालय स्थित सभागार में आयोजित की गई। इस बैठक में जिलाधिकारी ने अधिनियम के तहत दर्ज मामलों पीड़ितों को मिलने वाले मुआवजे और पुनर्वास कार्यों की विस्तृत समीक्षा की।
बैठक में जिला कल्याण पदाधिकारी ने प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि वर्ष 2018 से 2025 तक इस अधिनियम के तहत कुल 2618 कांड दर्ज किए गए हैं। इनमें से 2232 मामलों में पीड़ितों या उनके आश्रितों को देय मुआवजे की पहली किस्त का भुगतान सफलतापूर्वक किया जा चुका है। वर्ष 2025 के केवल 41 मामले शेष हैं जिनमें पहली किस्त का भुगतान लंबित है। वित्तीय वर्ष 2025-26 की बात करें तो अब तक 533 मामलों में कुल 3.69 करोड़ रुपये की सहायता राशि वितरित की जा चुकी है।
जिलाधिकारी ने लंबित 41 मामलों पर कड़ी संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि कागजी प्रक्रियाओं को शीघ्र पूर्ण कर पीड़ितों को त्वरित मुआवजा सुनिश्चित करें। अधिनियम के तहत गंभीर मामलों मृत्यु में पीड़ित परिवार के सहायता की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने पाया कि 57 निकटतम आश्रितों को नियमानुसार नियमित पेंशन दी जा रही है। इन सभी लाभार्थियों को अक्टूबर 2025 तक की पेंशन राशि का भुगतान किया जा चुका है। पुनर्वास योजना के तहत अब तक चार आश्रितों को सरकारी नौकरी प्रदान की गई है। एक अन्य लंबित मामले में नौकरी देने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है, जिसे जिलाधिकारी ने अविलंब पूरा करने का आदेश दिया।
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने पुलिस विभाग और थाना प्रभारियों को निर्देश दिया कि दर्ज कांडों में आरोप पत्र समय पर दाखिल करें ताकि पीड़ितों को द्वितीय किस्त का भुगतान ससमय किया जा सके। इस अवसर पर सिविल सर्जन, पुलिस उपाधीक्षक साइबर अपराध, जिला कल्याण पदाधिकारी सहित समिति के अन्य सदस्य उपस्थित थे। साथ ही जिले के विभिन्न थाना प्रभारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक से जुड़े रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / धनंजय कुमार