जय श्रीराम उदघोष के साथ अक्षत कलश शोभायात्रा में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
सहरसा,28 दिसम्बर (हि.स.)। अयोध्या से प्राण प्रतिष्ठा हेतु सहरसा आए पूजित अक्षत कलश के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा गुरुवार को नगर में शोभायात्रा का आयोजन किया गया। यह अक्षत कलश शंकर चौक स्थित राम जानकी ठाकुरबाड़ी में विगत 9 दिनों से आम नागरिकों के पूजा हेतु रखा गया।
आज इस अक्षत कलश के दर्शन हेतु शोभायात्रा शंकर चौक से होते हुए दहलान चौक, महावीर चौक, कपड़ा पट्टी होते हुए गांधी पथ,थाना चौक, कचहरी चौक, कोशी चौक, बम्फर चौक होते हुए पंचवटी चौक पर समापन हुआ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला सह संघचालक उमा शंकर खां द्वारा कलश को माथे पर दर्शन हेतु रखा गया। इस शोभा यात्रा का मुख्य केंद्र अक्षत कलश के साथ साथ रथ पर विराजमान सीता-राम,लक्ष्मण,बजरंग बली आकर्षण के केंद्र रहे। जैसे-जैसे शोभायात्रा आगे बढ़ रही थी वैसे-वैसे नगर वासियों के द्वारा अक्षत कलश के ऊपर में फूल की वर्षा होता रहा।
हजारों लोग स्वागत करने के लिए सड़कों के किनारे खड़े थे। इतना ही नहीं बल्कि जगह-जगह पर श्रद्धालुओं के लिए पानी शरबत अल्पाहार की व्यवस्था भी की गई थी।पूरे कार्यक्रम में महिलाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया है। इस कार्यक्रम में युवाओं के साथ-साथ बूढ़े बुजुर्ग के द्वारा भी उत्साहित होकर जय श्री राम का नारा लगाया जा रहा था। इस मौके पर जिला संघचालक सतीश चंद्र वर्मा ने कहा कि 500 वर्षों का कलंक 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही धूल जाएगा।
उन्होंने कहा कि हिंदू समाज ने यह संकल्प लिया था कि राम मंदिर एक दिन में नहीं पर एक दिन जरूर बनेगा। ऐसा विश्वास कर समय-समय पर बलिदान करते रहने वाले सनातनियों का आज स्वप्न पूरा होने जा रहा है। यह गौरव का क्षण है जब हम अपने आंखों के सामने में प्रभु श्री राम का प्राण प्रतिष्ठा होते हुए देखेंगे।वही श्री उमा शंकर खां ने बताया कि यह कार्यक्रम के बाद सभी प्रखंडों में अब अक्षत कलश जाएगा। उसके बाद यह अक्षत कलश प्रत्येक पंचायत होते हुए प्रत्येक परिवारों तक अक्षत और आमंत्रण पत्र दिया जाएगा। इतना ही नहीं बल्कि इसके बाद 22 जनवरी को जिले के सभी मठ मंदिरों एवं घरों में दीपावली भी मनाई जाएगी।वही धार्मिक स्थल एवं मंदिरों में दिन भर कीर्तन भजन का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने प्रत्येक हिंदू परिवार से आग्रह किया है कि 22 जनवरी को भव्य दीपावली अपने-अपने घरों में मनाने को कहा गया है।
हिन्दुस्थान समाचार/अजय/गोविन्द