मुख्यमंत्री ने ग्रामीण विकास विभाग के तहत 1650.33 करोड़ की राशि लाभुकों के खाते में भेजी
पटना, 07 अक्टूबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री ने आज पटना में ग्रामीण विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 1650 करोड़ 33 लाख रुपये की राशि का लाभुकों के खाते में हस्तांतरित किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि लाभुकों के खाते में आज 1650 करो़ड़ रुपये का अंतरण किया गया है। इससे लाभुकों को तत्काल लाभ मिलना शुरू हो गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सतत जीविकोपार्जन योजना का लाभ देशी शराब एवं ताड़ी उत्पादन और बिक्री में पारंपरिक रूप से जुड़े अत्यंत निर्धन परिवारों तथा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य समुदायों के लक्षित अत्यंत निर्धन परिवारों को मिल रहा है। इससे वे स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बन रहे हैं। साथ ही इससे उनके परिवारों को भी लाभ हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों को बैंक ऋण के रूप में मिलनेवाली पूंजी का उपयोग जीविका दीदियां काफी बेहतर ढंग से अपने स्वरोजगार के लिए कर रही हैं। इससे महिलाएं आत्मनिर्भर हुई हैं जिससे परिवार और समाज में काफी बदलाव आया है। खुले में शौच से मुक्ति को लेकर शौचालय के स्वनिर्माण के लिए लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान सरकार द्वारा चलाया जा रहा है। इसके लिए हमलोग राशि आवंटित कर रहे हैं। खुले में शौच से मुक्ति को लेकर शौचालय का निर्माण बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि राज्य के बेघर और कच्चे आवास में रहने वाले परिवारों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार संकल्पित है।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने सतत जीविकोपार्जन योजना अंतर्गत 34 हजार लाभार्थियों को जीविकोपार्जन संवर्द्धन के लिए 113 करोड़ रुपये की राशि का अंतरण किया। मुख्यमंत्री ने 5 अगस्त, 2018 को सतत् जीविकापार्जन योजना की शुरुआत की थी। देशी शराब एवं ताड़ी उत्पादन और बिक्री में पारंपरिक रूप से जुड़े अत्यंत निर्धन परिवारों तथा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य समुदायों के लक्षित अत्यंत निर्धन परिवारों को इस योजना का लाभ दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने जीविका अंतर्गत 48 हजार 500 स्वयं सहायता समूहों को सामुदायिक निवेश निधि के रूप में 400 करोड़ रुपये का अंतरण किया। साथ ही जीविका अंतर्गत 15 हजार 314 स्वयं सहायता समूहों को 537 करोड़ 33 लाख रुपये की बैंक ऋण की राशि का विभिन्न बैंकों के माध्यम से भी अंतरण किया। जीविका परियोजना अंतर्गत स्वयं सहायता समूहों को बैंक से ऋण की पूंजी उपलब्ध कराई जाती है जिसका उपयोग समूह से जुड़ी महिला सदस्य विभिन्न तरह के स्वरोजगार के लिए करते हैं। इस वित्तीय वर्ष में 5164 करोड़ रुपये बैंक ऋण स्वयं सहायता समूहों को उपलब्ध कराया गया है।
मुख्यमंत्री ने लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान अंतर्गत शौचालय निर्माण के उपरांत 01 लाख 50 हजार परिवारों को 180 करोड़ रुपये प्रोत्साहन राशि का अंतरण किया। सात निश्चय 1 योजना के तहत खुले हुए शौच की समस्या के समाधान हेतु शौचालय निर्माण घर के सम्मान कार्यक्रम को शामिल किया गया है, जिससे लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के प्रथम चरण (2014-15 से 2019-20) में 01 करोड़ 22 लाख परिवारों द्वारा व्यक्तिगत शौचालय का स्वनिर्माण कराया गया है।
सात निश्चय 2 अंतर्गत ‘स्वच्छ गांव-समृद्ध गांव’ के लक्ष्य को पूर्ण करने हेतु लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के द्वितीय चरण (2020-21 से 2024-25) अंतर्गत खुले में शौच से मुक्ति के स्थायित्व के सुनिश्चित करने को लेकर राज्य के सभी गांवों में ठोस एवं तरल, अपशिष्ट प्रबंधन का क्रियान्वयन किया जा रहा है। लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान द्वितीय चरण में अबतक 17 लाख 79 हजार से अधिक परिवारों द्वारा व्यक्तिगत शौचालय का स्वनिर्माण किया गया है, जिसमें से 19 लाख 29 हजार लाभार्थियों को प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया गया है।
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण अंतर्गत 01 लाख 10 हजार परिवारों को आवास की स्वीकृति तथा 01 लाख 05 हजार लाभार्थियों को प्रथम किस्त के रूप में 420 करोड़ रुपये की राशि का अंतरण किया गया। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत कुल 1.20 लाख रुपये की सहायता राशि 3 किस्तों में आवास निर्माण की प्रगति के साथ दी जाती है। इनमें 40 प्रतिशत यानी 48 हजार रुपये की राशि राज्यांश के रूप में लाभुकों को दी जाती है। आगामी 100 दिनों में लगभग 02 लाख 43 हजार परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण तथा इसके लिए मनरेगा द्वारा मजदूरी मद में एवं लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान द्वारा निर्माण मद में लगभग 2800 करोड़ रुपये अंतरित किए जाएंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद चौधरी