मिथिला के बच्चों को भी मिले मातृभाषा मे शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार : अक्षय
सहरसा,10 नवंबर (हि.स.)। साहित्य अकादमी, नई दिल्ली द्वारा भारतीय भाषाओं के विशिष्ट लेखकों को इस वर्ष के बाल पुरस्कार अर्थात् साहित्य अकादमी बाल पुरस्कार 2023 से पुरस्कृत किया गया। राजधानी दिल्ली के तानसेन मार्ग स्थित त्रिवेणी कला संगम में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम मे लेखकों को यह पुरस्कार साहित्य अकादमी के अध्यक्ष माधव कौशिक द्वारा प्रदान किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप मे अंग्रेजी के प्रख्यात लेखक हरीश द्विवेदी भी उपस्थित थे।ज्ञात हो कि मैथिली भाषा के लिए यह पुरस्कार चर्चित युवा लेखक अक्षय आनन्द सन्नी को प्रदान किया गया। अक्षय को यह पुरस्कार उनके बाल कविता संग्रह ''ओल कतरा, झोल कतरा'' के लिए दिया गया।
कार्यक्रम के दूसरे दिन साहित्य अकादमीक सभागार मे अर्वाडीज् मीट नामक कार्यक्रम मे अपनी लेखन से संबंधित अनुभव को साझा करते हुए मैथिली लेखक अक्षय आनन्द सन्नी ने कहा कि वास्तव में बाल साहित्य लिखना खुद का देह त्याग किसी बच्चे का मन-प्राण को ग्रहण करने जैसा है।
उन्होंने कहा कि मैं सौभाग्यशाली हूँ कि मेरे पहले ही संग्रह को साहित्य अकादमी ने पुरस्कार के योग्य समझा।अपने अभिभाषण मे उन्होंने ने दुख व्यक्त करैत हुए कहा कि हम जिस क्षेत्र से आते हैं।वहाँ संवैधानिक अधिकार रहने के बावजूद भी बच्चों को प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा मे शिक्षा नही दिया जा रहा है। अक्षय ने अकादमी के मंच से केंद्र एवं राज्य सरकार से आग्रह किया कि देश के अन्य-अन्य क्षेत्र की तरह मिथिला के बच्चों को भी प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा मे शिक्षा प्राप्त करने का अवसर दिया जाय।
कार्यक्रम मे विभिन्न भाषा के पुरस्कृत लेखकों के अतिरिक्त साहित्य अकादमी के पदाधिकारीगण, अतिथिगण एवं भारी संख्यां मे गणमान्य एवं साहित्यिक व्यक्ति उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार/अजय
/चंदा