एससी-एसटी कल्याण योजनाओं की राज्य स्तरीय समीक्षा, मंत्री लखेंद्र कुमार रोशन ने लंबित कार्य शीघ्र पूरा करने के दिए निर्देश

 


पटना, 19 दिसंबर (हि.स.)। बिहार सरकार अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के उत्थान और सशक्तिकरण के लिए लगातार प्रयासरत है। इसी क्रम में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के मंत्री लखेंद्र कुमार रोशन की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में विभागीय योजनाओं की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की गई और लंबित कार्यों को शीघ्र पूरा करने के सख्त निर्देश दिए गए।

समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र लाभार्थियों तक समय पर पहुंचाना विभाग की प्राथमिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय ऐतिहासिक रूप से सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़े रहे हैं। बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के सपनों को साकार करने के उद्देश्य से राज्य सरकार छात्रावास, आवासीय विद्यालय, छात्रवृत्ति, शिक्षा एवं रोजगार से जुड़ी कई योजनाएं संचालित कर रही है।

मंत्री ने कहा कि इन योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचे, इसके लिए विभाग को और अधिक सक्रियता दिखानी होगी। उन्होंने कुछ जिलों में किए गए उत्कृष्ट कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे सफल मॉडलों को अन्य जिलों में भी लागू किया जाए। वहीं, जिन जिलों में कार्यों में शिथिलता पाई गई, उन्हें चेतावनी देते हुए शीघ्र प्रगति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

इस अवसर पर मंत्री ने सामुदायिक भवनों की भौतिक स्थिति की जांच कर 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट उपलब्ध कराने का आदेश दिया। इसके साथ ही एससी-एसटी बस्तियों में आवश्यकता के अनुसार सामुदायिक भवन एवं सामूहिक शौचालय निर्माण तथा भूमिहीन परिवारों की सूची तैयार कर विभाग को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

बैठक में विभाग की निदेशक प्रियंका रानी ने जिलों से आए उप निदेशकों एवं जिला कल्याण पदाधिकारियों को विशेष निर्देश दिए। उन्होंने डॉ. अंबेडकर छात्रावासों के नवनिर्माण एवं जीर्णोद्धार कार्यों पर विशेष ध्यान देने को कहा और बताया कि ये छात्रावास अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं को सुरक्षित आवास और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

इसके अलावा जीविका समूहों द्वारा संचालित विद्यालयों के अनुरक्षण तथा प्राक्-परीक्षा प्रशिक्षण केंद्रों को और सशक्त बनाने पर भी जोर दिया गया। ये केंद्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को मार्गदर्शन और कोचिंग प्रदान कर सरकारी सेवाओं में सफलता का मार्ग प्रशस्त करते हैं।

बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि हाल ही में थारू समाज के उत्थान के लिए 30 करोड़ रुपये का विशेष आवंटन किया गया है, जो विभाग की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। साथ ही पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति, आवासीय विद्यालयों के संचालन और जनजातीय समुदायों के लिए विशेष कार्यक्रमों को और प्रभावी बनाने पर भी चर्चा की गई। निदेशक प्रियंका रानी ने अधिकारियों को सभी कार्यों में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने तथा लंबित प्रस्तावों का प्राथमिकता के आधार पर निष्पादन करने के निर्देश दिए, ताकि बजट का समुचित उपयोग हो और कोई भी लाभार्थी वंचित न रहे।-------

हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद चौधरी