बेतिया में तीन बाल श्रमिक को कराया गया मुक्त
बेतिया, 30 नवम्बर (हि.स)। बेतिया के श्रम अधीक्षक विरेन्द्र महतो ने बाल श्रमिकों की विमुक्ति हेतु मझौलिया ब्लॉक अंतर्गत श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी भीम कुमार के नेतृत्व में मझौलिया प्रखंड के विभिन्न दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में धावा दल की टीम के द्वारा सघन जांच अभियान चलाया गया।
जांच के क्रम में मझौलिया से तीन बाल श्रमिक को विमुक्त कराया गया है। जो मुस्कान ड्रेसेस, एम. के. तास एण्ड मीट हाउस, मझौलिया एवं प्रजापति मोटर साइकिल रिपेयर सेन्टर, चीनी मिल चौक, मझौलिया से एक -एक बाल श्रमिकों को विमुक्त कराया गया। विमुक्त बाल श्रमिक को बाल गृह (बाल कल्याण समिति), छावनी ,बेतिया के समक्ष उपस्थापित कर निर्देशानुसार उन्हें बाल गृह में रखा गया है। बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के तहत नियोजक के विरुद्ध संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है।
श्रम अधीक्षक ने बताया कि बाल श्रमिकों से किसी भी दुकान या प्रतिष्ठान में कार्य कराना बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के अंतर्गत गैरकानूनी है तथा बाल श्रमिकों से कार्य कराने वाले व्यक्तियों को 20 हजार रुपये से 50 हजार रुपये तक का जुर्माना और दो वर्षों तक के कारावास का प्रावधान है।
इसके अतिरिक्त माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा एम.सी मेहता बनाम तमिलनाडु सरकार 1996 में दिए गए आदेश के आलोक में नियोजकों से 20000/- रुपये प्रति बाल श्रमिक की दर से अलग से राशि की वसूली की जाएगी, जो जिलाधिकारी के पदनाम से संधारित जिला बाल श्रमिक पुनर्वास सह कल्याण कोष में जमा किया जाएगा।राशि को जमा नहीं कराने वाले नियोजक के विरुद्ध एक सर्टिफिकेट केस या नीलाम पत्र वाद अलग से दायर किया जाएगा।
धावा दल टीम के सदस्य के रूप में कुमारी स्तुति,श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी लौरिया , प्रदीप सिंह श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी ,सिकटा, प्रयास संस्था से अमित कुमार, प्रथम संस्था से अमर और मझौलिया थाना शामिल थे।धावा दल की टीम के द्वारा मझौलिया प्रखंड स्थित सभी दुकान एवं प्रतिष्ठान में सघन जाँच की गई तथा सभी नियोजको से किसी भी बाल श्रमिक को नियोजित नहीं करने हेतु एक शपथ पत्र भरवाया गया।
श्रम अधीक्षक के द्वारा बताया गया कि धावा दल नियमित रूप से प्रत्येक दिन राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के आदेश के तहत संचालित होगा तथा बेतिया शहर के साथ-साथ सभी प्रखंड मुख्यालयों में भी धावा दल संचालित किया जाएगा तथा बाल श्रमिकों को नियोजित करने वाले नियोजकों के विरूद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार/ अमानुल हक़ /चंदा