बेतिया में बारिश नहीं होने से खेतों में पड़ने लगी दरार , किसान मायूस

 


बेतिया, 19 जुलाई (हि.स.)। पश्चिम चंपारण ज़िला मे कुछ दिनों से बारिश नहीं होने के कारण किसानों को चिंता में डाल दिया है। किसानों के फसल से अब हरियाली गायब होने लगी है।पिछले कई दिनों से चिलचिलाती धूप गर्मी के कारण फसलों की हरियाली मद्धिम पड़ने लगी है।धान के फसल में सिंचाई की अति आवश्यकता महसूस होने लगी है।

पिछले सप्ताह बारिश होने के कारण किसानों के चेहरे खिल उठे थे। बेहतर बारिश की आशा में जैसे भी हुआ कहीं बारिश के पानी से कहीं पंपसेट के सहारे आनन फानन में धान की रोपनी तो कर ली है किसान फसलों का अच्छा रुझान देख काफी खुश भी थे पर अचानक एक बार फिर मौसम का तेवर गर्म दिख रहा है और धरती फिर से तपने लगी है। गर्मी से लोगों का हाल जहां बेहाल है। विभिन्न प्रकार के फसलों का पानी के अभाव में हालत खराब होने लगी है।अधिकांश खेतों में दरारें पड़ने लगी है।खेतों में दरारें को देख धान फसल किसानों के चेहरे पर चिंताओं की लकीरें स्पष्ट देखी जा रही है। जबकि आर्थिक रूप से संपन्न किसान पंपसेट से पटवन कर फसलों को बचाने में लगे हैं। जबकि दर्जनों किसान मौसम की मेहरबानी के इंतजार में उपलक निहार रहे हैं।

किसानों का मानना है कि एक तो शुरुआती दौर में धान का बिचड़ा बचाने के फसल में काफी जद्दोजहद करनी पड़ी थी।जिस कारण खेती में लागत ज्यादा पड़ा। इसके बाद जितनी भी बारिश हुई हर किसान अपने-अपने सुविधा अनुसार इस उम्मीद पर आनन फानन में धान की रोपनी तो कर ली और पहली बारिश से गन्ना व हरि सब्जी को भी फायदा हुआ।किसानों के अंदर यह उम्मीद जगी की अब बारिश होगी और विभिन्न प्रकार के फसलों का उत्पादन बेहतर होगा। आज कल एक बार फिर आसमान से सूरज आग उगलने लगा है जिस से फ़सल बर्बाद होता दिख रहा है। साथ ही किसानों का चेहरा काला पढ़ता दिख रहा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / अमानुल हक / चंदा कुमारी