जिला बनने के 34 साल बाद 53.22 करोड़ की लागत से 30 एकड़ में बनेगा अत्याधुनिक पुलिस लाइन
अररिया 05दिसंबर(हि.स.)।14 जनवरी 1990 को पूर्णिया से अलग होकर अररिया जिला बना।जिला बनने के साथ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति हुई।लेकिन जिला बनने के 34 साल तक अररिया को अपना पुलिस लाइन नसीब नहीं हुआ था।अररिया जिला पुलिस का अब अपना पुलिस लाइन होगा।जिसकी आधारशिला अररिया एसपी अशोक कुमार सिंह ने रखी।वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पुलिस लाइन का भूमि पूजन किया गया।बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम,पूर्णिया प्रमंडल के द्वारा हरियाबाड़ा में 30 एकड़ जमीन में 53 करोड़ 22 लाख 50 हजार 865 रूपये की लागत से अत्याधुनिक पुलिस लाइन निर्माण की नीव रखी गई।पुलिस लाइन निर्माण पूर्ण होने का लक्ष्य 28 अप्रैल 2025 है।
बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम की ओर से अररिया जिला पुलिस केंद्र में विभिन्न भवनों के विद्युतीकरण सहित निर्माण कार्य होना है।जिसके तहत 30 एकड़ भूमि में एडमिनिस्ट्रेटिव भवन,बैरक,महिला पुलिस कर्मी और तीन सौ पुलिस जवानों के रहने के लिए भवन,विभिन्न स्तर के कर्मचारियों एवं पदाधिकारियों के आवास,शस्त्रागार,अस्पताल,ट्रेनिंग सेंटर,प्राथमिक विद्यालय आदि भवनों के निर्माण कार्य के साथ ही सार्जेंट और मेजर के कार्यालय और आवास का भवन निर्माण, पैरेड ग्राउंड का निर्माण अत्याधुनिक सुख सुविधाओं के साथ सुसज्जित पुलिस लाइन का निर्माण किया जायेगा।
मौके पर एसपी अशोक कुमार सिंह के अलावे बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम पूर्णिया प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता डा.सुनील कुमार चौधरी,सहायक अभियंता रमेश कुमार,कनीय अभियंता ललन कुमार,संवेदक अरुण देव कुमार,मेजर मनीष कुमार,आरएस ओपी थानाध्यक्ष उमेश कुमार सहित बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी और जवान मौजूद थे।
मौके पर मौजूद बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम पूर्णिया प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता डा.सुनील कुमार चौधरी ने बताया कि 53.22 करोड़ रूपये की लागत से 16 महीने में पुलिस लाइन का निर्माण कार्य पूर्ण करा लिया जाएगा।उन्होंने बताया कि बिहार एक आपदा प्रवण राज्य है,जिसका सौ फीसदी हिस्सा भूकंप,73 फीसदी हिस्सा बाढ़ और 12 फीसदी हिस्सा चक्रवात से प्रभावित है।बिहार के भूकंप,बाढ़ एवं चक्रवात से प्रभावित अररिया जिला में मूलभूत सुविधाओं से लैस अररिया पुलिस लाइन डिजास्टर रेजिलियेंट होगा।यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सुरक्षित बिहार विकसित बिहार के सपने को साकार करने की दिशा में एक सार्थक पहल है।
डा चौधरी ने बताया कि डिजास्टर रेजिलिएन्स डिजास्टर के साथ जीने की कला है एवं इस भवन के निर्माण मे बेहतर वर्क प्रोग्राम के साथ मैक्रो एवं माइक्रो अनुश्रवण पर विशेष बल दिया जायेगा। जिसके फलस्वरूप टाइम ओवरन एवं कौस्ट ओवरन से बचा जा सके। उन्होने कहा कि किसी भी राज्य के जिले में कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालने वाले पुलिस विभाग में कई कार्यालय होते हैं। इन दफ्तरों में थाना, चौकी के नाम शामिल होते हैं लेकिन विभाग में पुलिस लाइन की अहम भूमिका होती है जहा काफी संख्या मे पुलिस बल रहते है जो जिले की विधि व्यवस्था संधारण मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।उन्होने कहा कि इस डिजास्टर रेजिलिएन्ट पुलिस लाइन के निर्माण से विभाग के सिपाहियों को अच्छी एवं मूलभूत सुविधा प्रदान की जा सकेगी जिसके फलस्वरूप जहा एक तरफ पुलिसकर्मी तनाव मुक्त होकर दुगुने जोश के साथ काम करेगे और लोगों से उनका व्यवहार अच्छा रहेगा। वही दूसरी तरफ जिले की विधि व्यवस्था को नई रफ्तार मिलेगी।
हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/चंदा