अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने कुलपति कार्यालय के सामने बकरी बांधकर प्रदर्शन किया

 




सहरसा/मधेपुरा,02 दिसंबर (हि.स.)।अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद भूपेंद्र नारायण मंडल इकाई द्वारा मंडल विश्वविद्यालय में कुलपति नहीं आने के कारण छात्र-छात्राओं एवं कर्मचारियों के बढ़ती हुई कठिनाइयां, शैक्षणिक आराजकता एवं कुव्यवस्था को लेकर प्रदर्शन किया गया। इस प्रदर्शन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के विश्वविद्यालय संयोजक श्री भवेश झा एवं प्रांत सह शोध प्रमुख रंजन यादव ने कुलपति कार्यालय के आगे बकरी बांधकर कहा कि वर्तमान कुलपति विश्वविद्यालय को अराजकता एवं कुव्यवस्था में धकेल कर बकरी बनकर गोहाली में छुपे हुए हैं।

उन्हें मंडल विश्वविद्यालय की शैक्षिक समस्याओं से कोई लेना देना नहीं है। वह समस्याओं का समाधान करने के बजाय मंडल विश्वविद्यालय को गर्त में पहुंच रहे हैं। जिला संयोजक सौरभ यादव एवं प्रांत एसएफएस प्रमुख राजू सनातन ने कहा कि कुलपति का कार्यालय अब बकरी का गोहाली बन चुका है। इस कुलपति के कार्यालय में कुलपति नहीं बल्कि बकरी तब तक बांधा जाएगा जब तक की कुलपति खुद नहीं यहां आते हैं।

उन्होंने कहा कि विगत एक माह से कर्मचारियों के द्वारा धरना प्रदर्शन को एक बार भी देखने को सुनने नहीं आए, ना ही उनकी समस्या का कोई समाधान उन्होंने ढूंढा। छात्र-छात्राओं को मूल प्रमाण पत्र से लेकर पंजीयन के लिए विश्वविद्यालय का चक्कर लगाना पड़ रहा है। इतना ही नहीं पार्ट वन में कई सारे छात्र-छात्राओं का परीक्षा परिणाम अभी भी पेंडिंग पड़ा हुआ है। साथ ही साथ यूएमआईएस द्वारा स्नातक प्रथम खंड में नामांकन को लेकर धांधली निजी महाविद्यालय के गठजोड़ से चरम पर है।

उन्होंने कहा कि चौथी लिस्ट जारी करने के बाद यूएमआईएस के द्वारा तुरंत पांचवी सूची जारी कर दी गई जबकि चौथी सूची दीपावली के दिन जारी कर नामांकन का तिथि दिया गया। यह सब कुछ शिक्षा माफिया के इशारे पर हो रहा है और वर्तमान कुलपति सोए हुए हैं।

मौके पर उपस्थित प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य समीक्षा यदुवंशी एवं मनीष कुमार ने कहा जब तक की वर्तमान कुलपति मंडल विश्वविद्यालय नहीं आते तब तक विद्यार्थी परिषद अनवरत आंदोलन करते रहेगी। इस मौके विद्यार्थी विस्तारक शंकर कुमार,टीपी कॉलेज अध्यक्ष अंकित आनंद, पीएस कॉलेज अध्यक्ष नवनीत सम्राट, नगर सहमंत्री अंशु कुमार, रविरंजन, सत्यम सत्या, शिवम, आदि उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार/अजय/चंदा