छापेमारी के बाद पटाखे की शुरू हुई कालाबाजारी,दुगुने कीमत वसूल रहे हैं थोक कारोबारी

 


अररिया 04नवंबर(हि.स.)। फारबिसगंज शहर में प्रशासन की ओर से पटाखे को लेकर हुई छापेमारी और जब्ती के बाद कालाबजारी शुरू हो गई है।प्रशासन की ओर से जिन कारोबारियों के गोदाम छापेमारी में बच गए,वह अब मौके को भुनाने में लग गए हैं।फलस्वरूप पटाखे की कालाबाजारी से सीजनल कारोबार करने वाले छोटे खुदरा कारोबारियों के समक्ष नया संकट पैदा हो गया है।पटाखे का थोक विक्रय करने वाले विक्रेता खुदरा विक्रेताओं को अब दुगुने से अधिक कीमत पर पटाखे देने की बात करते हैं।

छोटे खुदरा कारोबारियों में उहापोह की स्थिति बन गई है।दरअसल इस साल जिस तरह एसपी के निर्देश पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने ताबड़तोड़ गोदाम में छापेमारी कर बड़े मात्रा में पटाखा को जब्त किया,उससे कारोबारियों में हड़कंप मचा है। जो कारोबारी पुलिस और प्रशासनिक डंडे से बच निकले हैं,उनकी बल्ले बल्ले हो गई है।ऐसे स्टॉकिस्ट अपने गोदाम से माल का हटाकर कई जगह सेट कर लिए हैं और दुकान में बैठ कर सादे कागज पर कालाबाजारी करते हुए कारोबार में जुट गए हैं।ऐसे कारोबारी खुदरा विक्रेताओं से पैसे जमा करवाकर दो दिन बाद मिलने की बात कर रहे हैं।वहीं प्रशासनिक और पुलिसिया डंडा चलने के बाद खुदरा विक्रेता पटाखे बिक्री करने को लेकर संशय में है।जिस तरह से पटाखा बिक्री को लेकर लाइसेंस की बात सामने आई है।उससे ऐसे खुदरा विक्रेताओं को डर भी सताने लगा है।

सदर रोड के एक खुदरा विक्रेता ने नाम न छापे जाने के शर्त पर बताया कि पिछले साल फारबिसगंज एसडीओ की ओर से पहले उनलोगों को एक नोटिस भेजी गई थी।जिसके बाद पटाखा विक्रेताओं के साथ एक मीटिंग की गई थी और फिर दस दस लाख का पेपर बोंड भरवाकर बिक्री की अनुमति दी गई थी।लेकिन इस साल तो बिना किसी नोटिस के ही डंडा चलाया जा रहा है।जिससे सीजनल कारोबार करने वाले कारोबारी दुविधा में है।

उन्होंने बताया कि छापेमारी के बाद यह हालत हो गई है कि बड़े थोक कारोबारी 15 सौ रूपये के माल का 28 सौ से लेकर 34 सौ तक की वसूली कर रहे हैं।वह भी सादे कागज पर पैसे जमा लेने के बाद एक पुर्जा बनाकर थी दे रहे हैं और उन पर फोन नंबर लिखकर दिया जा रहा है।पैसा जमा करने के बाद माल के दो दिनों के बाद मिलने की बात कही जा रही है।ठोक कारोबारी स्पष्ट रूप से कह रहे हैं कि इस बार छापेमारी के बाद माल की कमी रहेगी और मनमाफिक कीमत पर माल का उठाव करना है तो करो,नहीं तो धंधा छोड़ दो।बावजूद इसके पैसे जमा करने के बाद कारोबारी दो दिन बाद फोन करके पूछने की बात करते हुए बताया कि माल का उठाव कहां से किया जाना है,उसका पता उसी दिन बताएंगे।

पटाखों की कालाबाजारी से पटाखों और आतिशबाजी सहित दीपों और बिजली वाली लाइट से जगमगाने वाला दीपावली का पर्व फीका रहने की संभावना बढ़ गई है।

हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/चंदा