वनकर्मियों की मशक्कत जारी,आदमखोर बाघ को पकड़ने में नहीं मिली सफलता

 






बगहा, 22 सितम्बर(हि.स.)।वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के हरनाटांड वन क्षेत्र में आदमखोर बाघ का आतंक मचा हुआ है।बाघ को पकड़ने के लिए पांचो वन क्षेत्र के लगभग 60 वनपाल, वनरंक्षी व टीटी –पीपी के साथ 5 वैन, 4 बडा जाल, 2 ट्रैकुलाईजर गन के साथ एक्सपोर्ट, एक ड्रौन कैमरा, दो रेस्क्यू ट्रैक्टर बाघ रेस्क्यू करने में लगाया गया है। ड्रौन कैमरा व रेस्क्यू भान से बाघ की निगरानी कराई जा रही है।

बाघ को रेस्क्यू में लगे टीम को बुधवार की शाम सफलता मिलते मिलते रह गई। वन विभाग अपने सभी संसाधनों के साथ जंगल के अंदर घुसकर बाघ ट्रेंकुलाइजर गन सटीक निशाना लगा दिया। ट्रेंकुलाइजर गन से चले इंजेक्शन पर बाघ के बाल भी नजर आए। लेकिन बाघ का कहीं पता नहीं चला। हालांकि वन विभाग की टीम 40 मिनट तक बाघ को ढूंढती रही जैसे ही 40 मिनट पूरा हुआ टीम के लोग वहां से भाग खड़े हुए। क्योंकि 45 मिनट में बाघ अपने होश में आ जाता।गुरुवार की सुबह बाघ फिर जंगल से निकलकर वन कर्मियों और लोगों के भीड़ के सामने फील्ड में टहलते नजर आया। जब तक वन विभाग के लोग बाघ को पकड़ने की तैयारी करते तब तक फिर से निकलकर फिर जंगल में चला गया। फिलहाल वन विभाग के एक्सपर्ट बाघ के रेस्क्यू में लगे हुए हैं।

टाइगर रेस्क्यू करने वाली टीम में VTR के डाक्टर मनोज कुमार टोनी व डाक्टर संजीव कुमार की तैनाती की गई है। इसके साथ ही WWF के एरिया कोऑर्डिनेटर कमलेश मोर्या, WTI के बायोलॉजिस्ट सौरभ वर्मा, वाल्मीकि नगर रेंजर रोविन कुमार आदि भी मौजूद हैं।

इस टाइगर ने पिछले नौ दिनों दिन में दो लोगों को अपना शिकार बना लिया। 12 सितंबर को बैरिया कला निवासी बंदी देवी को बाघ ने शिकार बनाया। जिसे लेकर लोगों ने वन विभाग के प्रति आक्रोश व्यक्त करते हुए काफी हंगामा किया। हंगामा के बाद बैरिया कला के गांव के पास विभाग टाइगर को ट्रैकिंग करने में जुड़ गए। टाइगर के हर एक्टिविटी पर नजर रखी जाने लगी।

वन विभाग के द्वारा 25 – 25 वन कर्मियों की टीम बनाकर तीन शिफ्ट में बाघ की निगरानी का काम शुरू किया गया। इसके लिए 40 कैमरे भी लगाए गए हैं। इसके बावजूद बाघ ने बैरिया कला गांव निवासी रामप्रसाद उरांव को बुधवार की सुबह मौत के घाट उतार दिया।

बाघ को रेस्क्यू करने में लगे टीम को बुधवार की शाम सफलता मिलते मिलते रह गई। वन विभाग अपने सभी संसाधनों के साथ जंगल के अंदर घुसकर बाघ ट्रेंकुलाइजर गन सटीक निशाना लगा दिया। ट्रेंकुलाइजर गन से चले इंजेक्शन पर बाघ के बाल भी नजर आए। लेकिन बाघ का कहीं पता नहीं चला। हालांकि वन विभाग की टीम 40 मिनट तक बाघ को ढूंढती रही जैसे ही 40 मिनट पूरा हुआ टीम के लोग वहां से भाग खड़े हुए। क्योंकि 45 मिनट में बाघ अपने होश में आ जाता।

गुरुवार की सुबह बाघ फिर जंगल से निकलकर वन कर्मियों और लोगों के भीड़ के सामने फील्ड में टहलते नजर आया। जब तक वन विभाग के लोग बाघ को पकड़ने की तैयारी करते तब तक फिर से निकलकर फिर जंगल में चला गया। फिलहाल वन विभाग के एक्सपर्ट बाघ के रेस्क्यू में लगे हुए हैं।

हिन्दुस्थान समाचार /अरविंद