35वां क्षेत्रीय खेलकूद प्रतियोगिता 16 अक्टूबर से
भागलपुर, 15 अक्टूबर (हि.स.)। भारती शिक्षा समिति एवं शिक्षा प्रबंध समिति दक्षिण बिहार के आयोजकत्व में आयोजित 35वें क्षेत्रीय एथलेटिक्स खेल कूद पूरनमल बाजोरिया शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के अतिथ्य में 16 अक्टूबर से 18 अक्टूबर तक चलने वाला है। इसके पूर्व संध्या पर मंगलवार को खेलकूद मार्गदर्शक एवं गया के विभाग प्रमुख ब्रह्मदेव प्रसाद की अध्यक्षता में प्रेस कांफ्रेंस आयोजित किया गया। ब्रह्मदेव प्रसाद ने कहा कि 35वें क्षेत्रीय खेलकूद प्रतियोगिता में 350 भैया-बहन भाग लेंगे जो झारखंड दक्षिण बिहार एवं उत्तर बिहार से चयनित भैया बहन आने वाले हैं। खेलकूद की दृष्टि से तीन प्रकार के इवेंट खेलेंगे दौड़, कूद एवं फेंक। यहां प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले भैया बहन राष्ट्रीय खेल कूद सतना मध्य प्रदेश में 23 अक्टूबर से 27 अक्टूबर तक आयोजित है, उसमें भाग लेंगे। विद्या भारती ने प्रारंभ से ही हमारे भैया बहन स्वस्थ रहें निरोग रहें ऐसा प्रयास किया है। स्वास्थ्य ही धन है। आज खेलकूद को हम लोगों ने बढ़ावा दिया है। आज कैरियर के रूप में खेलकूद आगे बढ़ रहा है। विद्या भारती को एसजीएफआई से 1988 से स्थाई मान्यता प्राप्त हुआ है। अभी एसजीएफआई में विद्या भारती छठे स्थान पर है। क्षेत्रीय खेल कूद प्रमुख फणीश्वर नाथ ने कहा कि यहां तीन दिनों तक 16 से 18 अक्टूबर तक खेल होना है। जिसे हम लोग समारोह के रूप में मनाते हैं। विद्या भारती हमेशा भैया बहनों का सर्वांगीण विकास चाहता है। प्रशासनिक रूप से दो प्रांत बिहार एवं झारखंड तथा विद्या भारती के रूप से झारखंड, दक्षिण बिहार एवं उत्तर बिहार तीन प्रांत के भैया बहन भाग लेंगे जो पिछले 3 महीने से खेल हो रहा है और उसमें चयनित होकर आ रहे हैं। प्राचार्य राजकुमार ठाकुर ने कहा कि हमें इस प्रकार का अवसर प्रदान कर सेवा करने का मौका दिया गया है, इससे हम बहुत खुश हैं। हम सभी भैया बहन आचार्य एवं सबों के रहने खाने एवं सभी प्रकार की सुविधा का ध्यान रखूंगा। इस अवसर पर विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य अमरेश कुमार, प्रांतीय खेलकूद प्रमुख राकेश पांडे, डॉ अजीत दुबे, अदिति करवा, पूजा कुमारी, राजीव शुक्ला, रोशन सिंह, गौरी शंकर मिश्र, शैलेश मिश्रा, प्रकाश लाल जायसवाल, धनंजय कुमार, जीवन राठौर, वीरेंद्र कुमार, परमेश्वर कुमार एवं मीडिया प्रभारी शशि भूषण मिश्र उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार / बिजय शंकर