वाराणसी बास्केटबॉल के भीष्म पितामाह डॉ कवीन्द्र नाथ राय का निधन 

बास्केटबॉल में सिंह सिस्टर्स समेत दर्जनों इंटरनेशनल खिलाड़ी देने वाले भीष्म पितामाह (कोच) डॉ कवीन्द्र राय का मंगलवार की सुबह निधन हो गया। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा विभाग के पूर्व सहायक निदेशक ने बीएचयू के बगल मे स्थित महामना पूरी कॉलोनी  में अपनी पत्नी के साथ रहते थे, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। उनकी मृत्यु की खबर सुनकर बास्केटबॉल कोर्ट पर सन्नाटा छा गया और खिलाड़ी  शोका कुल हो गए। 
 

वाराणसी। बास्केटबॉल में सिंह सिस्टर्स समेत दर्जनों इंटरनेशनल खिलाड़ी देने वाले भीष्म पितामाह (कोच) डॉ कवीन्द्र राय का मंगलवार की सुबह निधन हो गया। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा विभाग के पूर्व सहायक निदेशक ने बीएचयू के बगल मे स्थित महामना पूरी कॉलोनी  में अपनी पत्नी के साथ रहते थे, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। उनकी मृत्यु की खबर सुनकर बास्केटबॉल कोर्ट पर सन्नाटा छा गया और खिलाड़ी  शोका कुल हो गए। 

वाराणसी में बास्केटबॉल को परवान चढाने वाले खेल जगत के चमकते सितारे डॉ कवीन्द्र नाथ राय ने मंगलवार को अपने आवास पर अंतिम सांस ली। डॉ कवीन्द्र नाथ राय का ऑक्सीजन लेवल 70 पहुँच  गया था, जब तक उन्हें एडमिट कराया जाता उनका निधन हो गया। वो अपने पीछे पत्नी, पाँच बेटियाँ/दामाद एवं अपने हजारो शिष्यो का परिवार छोड़कर चले गये। 

गाज़ीपुर के रहने वाले डॉ राय जितने महान खिलाड़ी रहे उतने ही बेहतरीन प्रशिक्षक भी थे। डॉ राय ने कभी अपने आदर्शो के साथ समझौता नहीं किया।  महामना पंडित मदन मोहन मालवीय को वो अपना आदर्श मानते थे । डॉ राय समय के पाबंद थे, कहा जाता था की एक बार घड़ी लेट हो सकती है परंतु डॉ राय कभी लेट नहीं होते थे। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय मे रहकर उन्होने सैकड़ों अन्तरराष्ट्रिय एवं राष्ट्रिय खिलाड़ी देश को प्रदान किये जिन्होंने राष्ट्रिय/अन्तरराष्ट्रिय पटल पर बीएचयू तथा काशी का नाम रौशन किया।

इनके प्रमुख शिष्यो में मिहिर पांडे (पूर्व कप्तान भारतीय टीम), उपेंद्र सिंह (झन्नू), दिव्या सिंह (पूर्व कप्तान, भारतीय टीम), अर्जुन अवार्डी, पद्मश्री प्रशांति सिंह, कार्तिक राम, अतुल सिन्हा (DSO), अजय सिंह, वैभव सिंह (अंतराष्ट्रीय रेफरी), डॉ शैलेंद्र नारायण सिंह, दिलीप कुमार (DSO), डॉ गौरव कुमार सिंह (सहायक प्राध्यापक, दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय, गया), शैलेंद्र राय, परमहंस सिंह(पू रेलवे) एवं हजारो शिष्य जो देश के विभिन्न उत्कृस्ट संस्थानो मे अपना योगदान दे रहे है। 

डॉ कवीन्द्र नाथ राय ने अपने करियर की शुरुवात पूर्वोत्तर रेलवे से की जहां पर उन्होने टीसी के पद पर कार्यभार ग्रहण कर कुछ वर्षो तक अपना योगदान प्रदान किया तथा राष्ट्रिय स्तर पर अनेक वर्षो तक पूर्वोत्तर रेलवे की टीम का प्रतिनिधित्व किया। डॉ राय ने जितने अच्छे खिलाड़ी बास्केटबाल के थे उतने ही अच्छे खिलाड़ी फुटबाल  एवं एथ्लेटिक्स के भी थे।

डॉ के एन राय बीएचयू ही नहीं उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरे देश मे बास्केटबाल के क्षेत्र मे अपनी अलग पहचान रखते थे, अपनी मधुर वाणी, सदैव दूसरों की सहायता को ततत्पर रहते थे। डॉ के एन राय ने अनेकों बार भारतीय टीम के प्रशिक्षण हेतु अवसर मिलने के पश्चात भी पारिवारिक जिम्मेदारियो की वजह से अपना योगदान नहीं दे पाये परंतु उनके शिष्यो ने हर स्तर पर उनका नाम रौशन किया एवं उनकी एक अलग पहचान बनाई। डॉ राय अनेक गरीब शिष्यो को आर्थिक रूप से भी मदद किया करते थे। 

डॉ के एन राय के नाम एक अनोखा रेकॉर्ड दर्ज है। उनके कार्यकाल के दौरान लगभग 30 से ज्यादा वर्षो तक बीएचयू बास्केटबाल टीम लगातार आल इंडिया अंतर विश्वविद्यालयी बास्केटबाल प्रतियोगिता के लिए क्वालीफाई करती रही। सेवानिवृति के पश्चात भी लगभग 05 वर्षो तक अपना योगदान विश्वविद्यालय को प्रदान करते रहे।

डॉ के एन राय के निधन पर प्रो दिलीप कुमार डूरेहा (पूर्व कुलपति, एल एन आई पी ई, ग्वालियर ), डॉ विद्या सागर सिंह, सेवानिवृत्त सह-निदेशक (विश्वविद्यालय खेल परिषद, बीएचयू), डॉ एम एम पाल, सेवानिवृत्त सह-निदेशक (विश्वविद्यालय खेल परिषद, बीएचयू), डॉ मृत्युंजय राय, सेवानिवृत्त सह-निदेशक (विश्वविद्यालय खेल परिषद, बीएचयू),  प्रो अभिमन्यु सिंह, विभागाध्यक्ष, शारीरिक शिक्षा विभाग , बीएचयू, प्रो सुषमा घिल्डियाल, पूर्व-विभागाध्यक्ष, शारीरिक शिक्षा विभाग, बीएचयू, प्रो राजीव व्यास, डॉ अखिल मल्होत्रा, डॉ आशीष सिंह, विभागाध्यक्ष, शारीरिक शिक्षा विभाग, दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय,  डॉ गौरव कु० सिंह, डॉ राहुल सिंह, डॉ जितेंद्र प्रताप सिंह तथा उनके अनेकों शिष्यो ने अपना गहरा शोक व्यक्त किया है ।